All About India's First Crypto Rupee Index: Explained
India has its first ever rupee-based crypto index अरुण संकेतक क्या है? is called Cre8. But what's the significance of the '8'? More importantly, what does it really mean for crypto investors? That's the top focus on this episode of Coffee and Crypto. Also on the show, the top headlines of the week, a few excerpts from a crypto fest in Texas and a very interesting story of a young crypto miner, from Chhattisgarh.
HDFC Nifty 100 Index Fund Regular - Growth
Fund Key Highlights
1. Current NAV: The Current Net Asset Value of the HDFC Nifty 100 Index Fund - Regular Plan as of @@navdate@@ is Rs @@nav@@ for Growth option of its Regular plan.
2. Returns: Its trailing returns over different time periods are: 0.26% (since launch). Whereas, Category returns for the same time duration are: -5.36% (1yr), 15.29% (3yr) and 10.82% (5yr).
3. Fund Size: The HDFC Nifty 100 Index Fund - Regular Plan currently holds Assets under Management worth of Rs 87.33 crore as on Sep 30, 2022.
4. Expense ratio: The expense ratio of the fund is 0.9% for Regular plan as on Aug 31, 2022.
5. Exit Load: The given fund doesn't attract any Exit Load.
6. Minimum Investment: Minimum investment required is Rs 100 and minimum additional investment is Rs 0. Minimum SIP investment is Rs 100.
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About Fund
1. HDFC Nifty 100 Index अरुण संकेतक क्या है? Fund - Regular Plan is Open-ended Large Cap Equity scheme which belongs to HDFC Mutual Fund House.
2. The fund was launched on Feb 23, 2022.
Investment objective & Benchmark
1. The investment objective of the fund is that " The scheme seeks to generate returns that are commensurate (before fees and expenses) with the performance of the NIFTY 100 Index TRI (Underlying Index), subject to tracking error. "
2. It is benchmarked against अरुण संकेतक क्या है? NIFTY 100 Total Return Index.
Asset Allocation & Portfolio Composition
1. The asset allocation of the fund comprises around 98.76% in equities, 0.0% in debts and 1.24% in cash & cash equivalents.
2. While the top 10 equity holdings constitute around 47.57% of the assets, the top 3 sectors constitute around 57.75% of the assets.
3. The fund largely follows a Growth oriented style of investing and invests across market capitalisations - around 0.0% in giant & large cap companies, 0.0% in mid cap and 0.0% in small cap companies.
Tax Implications
1. Gains are taxed at a rate of 15% (Short-term Capital Gain Tax - STCG) if units are redeemed within 1 year of investment.
2. For units redeemed after 1 year of investment, gains of upto Rs. 1 lakh accruing from those units in a financial year shall be exempted from tax.
3. Gains of more than Rs. 1 lakh will be taxed at a rate of 10% (Long-term Capital Gain Tax - LTCG).
4. For Dividend Distribution Tax, the dividend income from this fund will get added to the income of an investor and taxed according अरुण संकेतक क्या है? to his/her respective tax slabs.
5. Also, for dividend income in excess of Rs 5,000 in a financial year; the fund house shall deduct a TDS of 10% on such income.
Current Affairs Hindi One Liners: 21 नवंबर 2022 - फीफा वर्ल्ड कप 2022, अरुण गोयल,नेटवर्क रेडीनेस इंडेक्स’ 2022, G20 बिजनेस मीट
One liner current affairs in hindi: करेंट अफेयर्स एक पंक्ति को नए रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है. इसमें फीफा वर्ल्ड कप 2022, अरुण गोयल,नेटवर्क रेडीनेस इंडेक्स’ 2022 और G20 बिजनेस मीट आदि को सम्मलित किया गया है.
One liner current affairs in hindi: करेंट अफेयर्स एक पंक्ति को नए रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है. इसमें फीफा वर्ल्ड कप 2022, अरुण गोयल,नेटवर्क रेडीनेस इंडेक्स’ 2022 और G20 बिजनेस मीट आदि को सम्मलित किया गया है.
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जेटली ने कहा, ईजी ऑफ डुइंग बिजनेस इंडेक्स में टॉप 50 में आ सकता भारत
अरुण जेटली ने कहा कि विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की वार्ताओं में व्यापार सुगमता के अलावा ज्यादातर क्षेत्रों में अधिक प्रगति नहीं हुई है.
- बीते तीन साल में भारत 142वें स्थान से बढ़कर 100वें स्थान पर आ गया है.
- एक ही साल में भारत ने 30 पायदान की उछाल भरी है.
- अंतरराष्ट्रीय सीमा शुल्क दिवस पर एक कार्यक्रम में जेटली ने यह बयान दिया.
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नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार (27 जनवरी) को कहा कि कर विभाग सहित विभिन्न मशीनरियां मिलकर प्रयास करें तो विश्व बैंक के व्यापार सुगमता सूचकांक भारत की रैंकिंग में सुधार बहुत ही संभव है. उन्होंने कहा कि विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की वार्ताओं में व्यापार सुगमता के अलावा ज्यादातर क्षेत्रों में अधिक प्रगति नहीं हुई है. अंतरराष्ट्रीय सीमा शुल्क दिवस पर एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, ‘यही कारण है कि इस बारे में अंतरराष्ट्रीय समझौते के बिना भी, यह हमारी घरेलू अर्थव्यवस्था के व्यापक फायदे व हित में है कि व्यापार सुगमीकरण हो.’ व्यापार सुगमता सूचकांक में भारत की सफलता का जिक्र करते हुए जेटली ने कहा कि बीते तीन साल में भारत 142वें स्थान से बढ़कर 100वें स्थान पर आ गया है और एक ही साल में उसने 30 पायदान की उछाल भरी है.
भारत फिलहाल 142वें स्थान पर है
उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने हमारे लिए एक लक्ष्य तय किया है कि हमें शीर्ष 50 में आने की कोशिश करनी होगी और इसमें आना होगा. इसलिए ऐसे समय में जबकि आप 142वें स्थान पर हैं, शीर्ष 50 अरुण संकेतक क्या है? में आना कुछ न कुछ तो चुनौतीपूर्ण है ही.’ उन्होंने कहा कि विश्व बैंक जिन दस मानकों की कसौटी रखता है उनमें से वास्तव में तीन में सुधार की जरूरत है जिनमें एक तो जमीन व भवनों की स्थानीय निकाय मंजूरी से जुड़ी है. दूसरी सीमापारीय व्यापार व तीसरी अनुबंध कार्यान्वयन है. जेटली ने कहा कि इन मानकों पर हालात में सुधार ज्यादा मुश्किल नहीं है. वित्त सचिव हसमुख अधिया ने सीमा शुल्क विभाग के अधिकारियों से कहा कि वे व्यापार सुगमता मनकों पर भारत की रैंकिंग सुधारने का प्रयास करें.
वहीं दूसरी ओर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि माल व सेवा कर (जीएसटी) अरुण संकेतक क्या है? प्रणाली बहुत ही छोटे समय में स्थिर हो गई है जिससे इसके आधार के विस्तार तथा भविष्य में दरों को और युक्तिसंगत बनाए जाने की गुंजाइश बनी है. यहां एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि जीएसटी से देश में अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में आमूल चूल बदलाव आया है. वित्त मंत्री ने कहा कहा कि कई दूसरे देशों की तुलना में भारत में जीएसटी प्रणाली बहुत ही कम समय में ही स्थिर हो गई है.
अंतरराष्ट्रीय सीमा शुल्क दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में जेटली ने कहा, इससे हमारे पास मौका है कि हम आने वाले समय में इसके (जीएसटी) आधार को बढ़ाएं तथा ढांचे को और अधिक युक्तिसंगत बनाएं. इस समय जीएसटी प्रणाली में कर की चार स्तर की करें (Taxes) लागू हैं. ये दरें पांच प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत व 28 प्रतिशत की है.
'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' में भारत की छलांग, जानें कैसे तय होती है रैंकिंग
ठीक एक साल पहले जारी इस रैंकिंग में भारत 100वें स्थान पर था लेकिन बुधवार को विश्व बैंक ने भारत को 77वां स्थान दिया है. इस रैंक से कारोबार की अरुण संकेतक क्या है? सुगमता का अंदाजा लगाया जाता है.
रविकांत सिंह
- नई दिल्ली,
- 31 अक्टूबर 2018,
- (अपडेटेड 31 अक्टूबर 2018, 7:42 PM IST)
विश्व बैंक की 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' रैंकिंग में भारत ने लंबी छलांग मारी है. 23 अंकों की छलांग लगाते हुए भारत 77वें पायदान पर पहुंच गया है. साल 2017 में भारत 100वें स्थान पर था जबकि बुधवार को उसे 77वां स्थान हासिल हुआ. विशेषज्ञों की मानें तो कारोबार करने के मामले में भारत की रैंकिंग में सुधार से कई क्षेत्रों में लाभ होगा.
क्या अरुण संकेतक क्या है? है ईज ऑफ डूइंग बिजनेस इंडेक्स
यह इंडेक्स विश्व बैंक जारी करता है. इसमें कई अलग-अलग पैरामीटर देखे जाते हैं. सभी पैरामीटर को मिलाकर यह देखा जाता है कि कारोबार करने में लोगों को कितनी आसानी है. यह भी देखा जाता है कि कारोबार करने में किस प्रकार की अड़चनें आती हैं.
किस आधार पर होता है फैसला
अलग-अलग देशों में कारोबार की सुगमता के आधार पर यह इंडेक्स तैयार होता है. रेग्युलेशन की स्थिति प्रमुखता से देखी जाती है. सरकारी रेग्युलेशन के चलते कारोबार आसान हुआ है या मुश्किल, इस पर गंभीरता से विचार किया जाता है. और भी कई फैक्टर हैं जिनको ध्यान में रखते हुए यह इंडेक्स तैयार होता है. इनमें प्रमुख हैं-कंस्ट्रक्शन परमिट, रजिस्ट्रेशन, लोन और टैक्स पेमेंट की मशीनरी. इन्हीं आधारों को ध्यान में रखकर देशों को इज ऑफ डूइंग बिजनेस इंडेक्स में स्थान जारी किया जाता है.
क्या कहा वित्त मंत्री जेटली ने
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि जब पीएम मोदी सत्ता में आए थे, तो उन्होंने कहा था कि हमको इस इंडेक्स में 50 पायदान पर आना है. हम इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. साल 2014 में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस इंडेक्स में भारत 142 और साल 2017 में 100वें पायदान था. अब इस इंडेक्स में भारत 77वें पायदान पर पहुंचा गया है. उन्होंने कहा कि कंस्ट्रक्शन परमिट के क्षेत्र में 129 अंकों का सुधार हुआ है, जबकि 'ट्रेडिंग अक्रॉस बॉर्डर्स' में 66 अरुण संकेतक क्या है? अंक, 'स्टार्टिंग अ बिजनेस' में 19 अंक, 'गेटिंग क्रेडिट' में 7 समेत अन्य क्षेत्र में सुधार हुआ है.
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