मुहूर्त ट्रेडिंग की परंपरा छह दशक पुरानी है। (PTI Photo)

कानून की व्याख्या सर्वोच्च, उचित और समझदार तरीके से की जानी चाहिए: सुप्रीम कोर्ट

कानून की व्याख्या सर्वोच्च, उचित और समझदार तरीके से की जानी चाहिए: सुप्रीम कोर्ट

इस मामले में एसएलपी याचिकाकर्ता [वाणिज्यिक कर अधिकारी] का तर्क यह था कि मोटर वाहन की खरीद का एक लेन-देन किसी व्यक्ति को स्थानीय क्षेत्र अधिनियम 1988 में मोटर वाहन के प्रवेश पर राजस्थान कर के तहत "कैजुअल ट्रेडर" की परिभाषा में नहीं लाता है। इसके अनुसार, "कैजुअल ट्रेडर" व्यापार की सामयिक लेन-देन की परिकल्पना करता है, जिसमें सामानों की खरीद-बिक्री शामिल है।

इसलिए लेन-देन की बहुलता एक व्यापारी को "कैजुअल ट्रेडर" के रूप में देखने के लिए एक शर्त है। इसलिए विवाद यह था कि चूंकि इस मामले में केवल एक लेनदेन की गई थी, इसलिए निर्धारिती को आकस्मिक व्यापारी (कैजुअल ट्रेडर) नहीं कहा जा सकता है।

उच्च न्यायालय ने अपीलीय प्राधिकरण के आदेश को बरकरार रखा था, जिसने निर्धारिती आदेश को एक तरफ रखते हुए निर्धारित किया था कि निर्धारिती एक "कैजुअल ट्रेडर" था और इसलिए, उसके खिलाफ एक आकलन आदेश पारित करने की सीमा केवल लेनदेन की तारीख से 2 वर्ष थी।

जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने याचिकाकर्ता की बातों से असहमति जताते हुए कहा कि,

"विधायिका, यह नहीं सह सकती कि 2 या 3 लेनदेन करने वाले व्यक्ति को "कैजुअल ट्रेडर" के रूप में माना जाना चाहिए, लेकिन केवल एक लेनदेन करने वाले व्यक्ति को नियमित व्यापारियों की तरह व्यवहार किया जाना चाहिए।"

कोर्ट ने कहा कि अधिनियम में आकस्मिक व्यापारी (कैजुअल ट्रेडर) की परिभाषा यह स्पष्ट करती है कि खरीद / बिक्री के सामयिक लेन-देन वाले व्यक्ति को आकस्मिक व्यापारियों (कैजुअल ट्रेडर्स) के रूप में माना जाता है, जिनके लिए मूल्यांकन के लिए एक छोटी समय सीमा धारा 10B (iii) के ट्रेडर किन लोगों को कहा जाता है साथ राजस्थान बिक्री कर अधिनियम 1954 की धारा 10 A के तहत लगाई गई है।

न्यायमूर्ति वेंकटरामा अय्यर द्वारा तीरथ सिंह बनाम बछित्तर सिंह AIR 1955 SC 830 में दी गई टिप्पणियों का उल्लेख करते हुए पीठ ने कहा कि,

"यह अच्छी तरह से तय है कि एक वैधानिक प्रावधान के तहत एकवचन शब्दों को बहुवचन में और इसके विपरीत को शामिल करना है। उस संदर्भ में, जब तक कि अभिव्यक्त नहीं किया गया हो, जैसा कि सामान्य धारा अधिनियम 1897 की धारा 13(2) और जनरल क्लॉज से संबंधित राज्य अधिनियमों में समान प्रावधान में प्रदान किया गया है। कोर्ट को एक क़ानून की व्याख्या इस तरह से करनी चाहिए जो व्याख्या सर्वोच्च, उचित और समझदारी भरी हो। यदि व्याकरणिक निर्माण विधिपूर्ण इरादे के साथ कुछ असावधानी या कुछ प्रतिगामी या असंगतता की ओर जाता है, जैसा कि संपूर्ण रूप से क़ानून के प्रावधानों को पढ़ने पर कानून में कमी महसूस हो , तो व्याकरणिक निर्माण को विसंगति, असावधानी या असंगतता से बचने के लिए छोड़ा जा सकता है।"

तीरथ सिंह मामले में कोर्ट की तरफ से की गई टिप्पणियों को उद्धृत करते हुए गया कि,

"जहां एक क़ानून की भाषा, उसके सामान्य अर्थ और व्याकरणिक निर्माण में, अधिनियमन के स्पष्ट उद्देश्य के प्रकट विरोधाभास की ओर जाता है, या कुछ असुविधा या असावधानी, कठिनाई या अन्याय के लिए, वर्तमान में इरादा नहीं है, एक निर्माण के लिए रखा जा सकता है जो शब्दों के अर्थ और यहां तक कि वाक्य की संरचना को भी संशोधित करता है। "

इस तरह पीठ ने SLP (विशेष अवकाश याचिका) को खारिज कर दिया।

केस: वाणिज्यिक कर अधिकारी, सर्कल-बी, भरतपुर बनाम भगत सिंह [विशेष अवकाश याचिका (C) No. 15870/ 2020]

दिवाली के दिन सिर्फ एक घंटे के लिए खुलता है शेयर बाजार, जानें क्या है मुहूर्त ट्रेड और इसका महत्व

हर साल दिवाली के दिन शेयर बाजारों में एक घंटे का विशेष कारोबार होता है। इसे मुहूर्त ट्रेडिंग के नाम से जाना जाता है। भारतीय शेयर बाजारों के लिए यह परंपरा छह दशक पुरानी है।

दिवाली के दिन सिर्फ एक घंटे के लिए खुलता है शेयर बाजार, जानें क्या है मुहूर्त ट्रेड और इसका महत्व

मुहूर्त ट्रेडिंग की परंपरा छह दशक पुरानी है। (PTI Photo)

दिवाली (Diwali) के दिन बैंकों और ज्यादातर दफ्तरों की तरह शेयर बाजारों (Share Market) में छुट्टी का दिन नहीं रहता है। हर साल दिवाली के मौके पर भारतीय शेयर बाजार एक घंटे के विशेष कारोबार के लिए खुलते हैं। इसे मुहूर्त ट्रेड (Muhurt Trading) के नाम से जाना जाता है। यह कई दशक पुरानी परंपरा है और हर साल इसका पालन किया जाता है।

यह है Muhurt Trading 2021 का समय

बीएसई (BSE) पर दी गई जानकारी के अनुसार, इस साल मुहूर्त ट्रेड का समय शाम 6:15 बजे से 7:15 बजे तक का है। इस दौरान इक्विटी (Equity), इक्विटी फ्यूचर एंड ऑप्शन (Equity F&O) और करेंसी एंड कमॉडिटी (Currency & Commodity) सेगमेंट में विशेष ट्रेडिंग होगी। इस विशेष ट्रेड में ब्लॉक डील (Block Deal) के लिए शाम के 5:45 बजे से छह बजे तक का और प्री ओपन सेशन (Pre Open Session) के लिए शाम के छह बजे से 6:08 बजे तक का समय तय किया गया है। बीएसई की तरह एनएसई (NSE) में भी मुहूर्त ट्रेड का यही समय रहेगा।

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दिवाली के दिन होती है नए संवत की शुरुआत

दरअसल दिवाली के दिन से हिंदू नववर्ष (Hindu New Year) की शुरुआत होती है, जिसे संवत कहा जाता है। इस बार दिवाली को संवत 2078 (Samvat 2078) की शुरुआत होगी। परंपरागत तौर पर दिवाली से ही नए वित्त वर्ष की शुरुआत होती है। इसी दिन आम कारोबारी भी अपना बही-खाता बदलते हैं। शेयर बाजारों में भी इस परंपरा का पालन किया जाता है। नव संवत की शुरुआत के लिए इसी कारण एक घंटे का मुहूर्त ट्रेड आयोजित किया जाता है।

छह दशक पुरानी है मुहूर्त ट्रेड की परंपरा

भारतीय शेयर बाजारों के लिए यह परंपरा करीब छह दशक पुरानी है। भारत ही नहीं बल्कि एशिया के सबसे पुराने स्टॉक एक्सचेंज बीएसई में 1957 में पहली बार मुहूर्त ट्रेड का आयोजन किया गया था। उसके बाद से अब तक हर साल दिवाली पर एक घंटे का मुहूर्त ट्रेड होता है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर मुहूर्त ट्रेड 1992 से हो रहा है।

Muhurt Trade का है प्रतीकात्मक महत्व

मुहूर्त ट्रेड को शुभ माना जाता है। जिस तरह लोग अपने परिचित कारोबारियों की दुकान से इस दिन प्रतीकात्मक शॉपिंग करते हैं, उसी तरह कई ट्रेडर भी मुहूर्त ट्रेड के दिन प्रतीकात्मक खरीद-बिक्री करते हैं। आम तौर पर इस मौके पर ट्रेडर छोटे डील करते हैं। ज्यादातर मौकों पर मुहूर्त ट्रेड में शेयर बाजार कुछ चढ़कर ही बंद होते हैं। हालांकि कई बार मुहूर्त ट्रेड में भी शेयर बाजारों को लाल निशान में देखा गया है।

कुछ ब्रोकर दे रहे हैं ये ऑफर

कई ब्रोकर मुहूर्त ट्रेड को लेकर इंवेस्टर्स को ऑफर भी दे रहे हैं। ब्रोकर प्लेटफॉर्म Zerodha ने सभी सेगमेंट के लिए मुहूर्त ट्रेड के दिन ब्रोकरेज चार्ज नहीं लेने की घोषणा की है। कंपनी 11 साल से यह परंपरा निभाती आ रही है। कंपनी ने कहा कि उसके प्लेटफॉर्म मुहूर्त ट्रेड के दौरान सभी इंट्राडे, एफएंडओ और कमॉडिटी ट्रेड ब्रोकरेज चार्ज से फ्री रहेंगे।

IPL 2021 Trade Window : ट्रेड विंडो में तीन खिलाड़ी इधर से उधर हुए

ipl auction 2021

आईपीएल 2021 के ऑक्‍शन के लिए टीमें तैयार हैं. इस बार का ऑक्‍शन 18 फरवरी को चेन्‍नई में होगा. लेकिन इससे पहले टीमों के पास मौका है कि वे अपने खिलाड़ियों में अगर चाहें तो अदला बदली कर सकती हैं. इसके लिए बीसीसीआई और आईपीएल जीसी ने आज की तारीख ही तय की है. यानी आज शाम पांच बजे तक खिलाड़ी इस टीम से उस टीम में जा सकते हैं. अभी तक जो समय था, उसमें केवल तीन ही खिलाड़ियों की अदला बदली हुई है. बाकी किसी भी टीम ने अपने खिलाड़ियों को न तो छोड़ा है और न ही किसी टीम से किसी खिलाड़ी को दूसरी टीम से ट्रेड किया है. आईपीएल या फिर यूं कहें कि क्रिकेट की भाषा में कहें तो इसे ट्रेड विंडो कहा जाता है.

आईपीएल 2021 के ऑक्‍शन में इस बार कुल 1097 खिलाड़ी शामिल होंगे. इससे पहले सभी टीमों ने अपनी अपनी रिटेन और रिलीज किए जाने वाले खिलाड़ियों की लिस्‍ट जारी कर दी थी. अब बाकी बचे हुए खिलाड़ियों के लिए 18 फरवरी को ऑक्‍शन में बोली लगेगी. ट्रेड विंडो में अभी तक केवल तीन ही खिलाड़ी ट्रेड किए गए हैं. सबसे पहले विराट कोहली की कप्‍तानी वाली रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर की टीम ने दो खिलाड़ियों को ट्रेड किया था. डेनियल सेम्‍स और हर्षल पटेल को विराट कोहली की टीम ने दिल्‍ली कैपिटल्‍स से अपने पाले में किया था. ये कैश डील हुई थी. इसके बाद एमएस धोनी की कप्‍तानी वाली चेन्‍नई सुपरकिंग्‍स ने रॉबिन उथप्‍पा को अपनी टीम के साथ जोड़ा था. रॉबिन उथप्‍पा इससे पहले राजस्‍थान रॉयल्‍स के साथ थे, लेकिन आईपीएल 2021 में अब वे चेन्‍नई सुपरकिंग्‍स के लिए खेलते हुए नजर आएंगे.

रॉबिन उथप्‍पा ओपनिंग और मध्‍यक्रम दोनों में बल्‍लेबाजी कर सकते हैं और वे साल 2014 के आईपीएल में ऑरेंज कैप विनर रहे हैं. यानी उस साल उन्‍होंने सबसे ज्‍यादा रन बनाए थे. हालांकि आईपीएल 2020 उनके लिए कुछ खास नहीं गया था. इससे पहले रॉबिन उथप्‍पा मुंबई इंडियंस, रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर, पुणे वॉरियर्स इंडिया, कोलकाता नाइटराइडर्स के लिए भी खेल चुके हैं. अब सीएसके उनकी छठी आईपीएल टीम होगी. इन तीन ट्रेड के अलावा अभी तक किसी भी टीम ने अपने बाकी खिलाड़ी नहीं छोड़े हैं. यानी अब जो लिस्‍ट तैयार होगी, उसमें जो रिलीज किए गए खिलाड़ी और नए खिलाड़ी शामिल होंगे उनकी बोली 18 फरवरी को लगती हुई नजर आएगी. इससे पहले जब आईपीएल 2020 ट्रेडर किन लोगों को कहा जाता है के लिए ट्रेड विंडो खुली थी, तब 11 खिलाड़ियों की टीम आपसी सहमति से बदल गई थी. इस बार इनकी संख्‍या तीन ही रह गई है.

इंदौर : लोहा व्यापारी को चाकू मार लाखों रुपये की लूट

इंदौर (मध्य प्रदेश) : छोटी ग्वालटोली क्षेत्र में शनिवार की देर रात एक लोहा व्यवसायी को चाकू मारकर लाखों रुपये लूट लिये गये. ऐसा कहा जाता है कि वह अपने घर जा रहा था जब कुछ लोगों ने उसे रोका और उसके पैसे लेकर फरार होने से पहले उसे चाकू मार ट्रेडर किन लोगों को कहा जाता है दिया। समाचार लिखे जाने तक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर थे।

डीसीपी धर्मेंद्र सिंह भदौरिया के मुताबिक, शहर के माणिक बाग इलाके के रहने वाले शाहनवाज खान नामक व्यापारी को नसिया रोड पर 3 लोगों ने रोका, जहां कहासुनी के बाद उस पर चाकू से कई वार किए गए. आरोप है कि आरोपितों ने उससे लाखों रुपये से भरा बैग छीन लिया।

सूत्रों ने दावा किया कि बैग में 10 लाख रुपये रखे हुए थे, जबकि पुलिस अधिकारियों ने कहा कि आरोपियों द्वारा लूटी गई सही राशि का पता लगाने के लिए जांच की जा रही है। पुलिस द्वारा व्यापारी के बयान लिए जा रहे हैं।

कत्ल और धोखेबाजी के बेशुमार जुर्म करने वाला अपराधी चार्ल्स शोभराज वापस फ्रांस भेजा गया, जेल तोड़ने में थी महारत

शोभराज के पिता भारतीय थे और मां वियतनामी। लेकिन उसकी परवरिश फ्रांस में अपने सौतेले पिता की क्षत्रछाया में हुई। उसके पिता टेक्सटाइल ट्रेडर थे और वियतनाम में उनकी कपड़ों की दुकान थी।

फोटो सौजन्य : संंतोष घिमिरे

फोटो सौजन्य : संंतोष घिमिरे

नवजीवन डेस्क

द सर्पेंट, बिकिनी किलर और भी कई नामों से कुख्यात चार्ल्स शोभराज शनिवार सुबह फ्रांस पहुंच गया। 78 साल के इस कातिल और महाठग को नेपाल ने जेल से रिहाई के बाद देश निकाला का आदेश दिया था। 78 साल के चार्ल्स शोभराज का दावा था कि अगर वह चाहे तो नेपाली कस्टम की आंखों में धूल झोंककर एयरपोर्ट से हाथी तक की तस्करी कर सकता है। झांसा देने में माहिर शोभराज भारत की दिल्ली स्थित सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली तिहाड़ जेल से 1980 के दशक में फरार हुआ था। उसे गोवा में गिरफ्तार किया गया था।

काठमांडु में जेल से रिहा होने के बाद शुक्रवार को उसने फ्रांसीसी न्यूज एजेंसी एएफपी से बात करते हुए दावा किया था कि वह निर्दोष है और उसे बिना जुर्म के ही इतने साल तक जेल में रखा गया। उसने कहा कि वह नेपाल सरकार पर मुकदमा करेगा और उन लोगों पर अदालती कार्यवाही करेगा जिन्होंने उसे बदनाम किया। चार्ल्स शोभराज को 2003 में काठमांडु के एक कसीनों से गिरफ्तार किया गया था। उस पर दो अमेरिकी पर्यटकों की हत्या का आरोप था। उस समय उसकी उम्र 58 साल थी।

शोभराज के पिता भारतीय थे और मां वियतनामी। लेकिन उसकी परवरिश फ्रांस में अपने सौतेले पिता की क्षत्रछाया में हुई। उसके पिता टेक्सटाइल ट्रेडर थे और वियतनाम में उनकी कपड़ों की दुकान थी। उन्होंने 1943 में एक लावारिस वियतानी महिला से शादी की और अगले साल चार्ल्स शोभराज का जन्म हुआ था। हालांकि बाद में शोभराज के पिता ने दावा किया कि जब वे भारत आए तो उन्हें एक भारतीय लड़की से शादी के लिए मजबूर कर दिया गया। इस तरह भारत-वियतनाम की प्रेम कहानी का पटाक्षेप हो गया।

इसके बाद चार्ल्स की मां ने फ्रांसीसी सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर तैनात एक व्यक्ति से शादी कर ली। इस शादी से उन्हें ट्रेडर किन लोगों को कहा जाता है तीन बच्चे हुए। इसके बाद चार्ल्स की मां चार्ल्स को उसके पिता के पास छोड़कर अपने तीन बच्चों और पति के साथ फ्रांस चली गई। कुछ दिन बाद जब ट्रेडर किन लोगों को कहा जाता है वह वियतनाम आई तो उन्होंने देखा कि उनके बेटे की देखभाल ठीक से नहीं हो रही है तो वह उसे अपने साथ फ्रांस ले गईं।

चार्ल्स को फ्रांस पसंद नहीं आया। उसे वियतनाम याद आता था और अपने मौजूदा मां-बाप पर गुस्सा। इसी दौरान उसने छोटे-मोटे अपराध करना शुरु कर दिए। वह कई बार गिरफ्तार भी हुआ। 1963 में उसने एक घर में चोरी की और गिरफ्तार किए जाने पर उसे पैरिस के नजदीक पॉइसी जेल भेज दिया गया। वहां उसने जेल अधिकारियों को इस बात के लिए मना लिया कि उसे साहित्य और विदेश भाषाओं पर किताबें मुहैया हो जाएं। इसी जेल में उसने एक धनी पर्शियन और जेल में सेवा देने वाले फेलिस डीएस्कोन से दोस्ती गांठ ली। जेल से पैरोल पर छूटने पर वह इसी दोस्त के घर रहता था। जेल में रहते हुए चार्ल्स अंडरवर्ल्ड के संपर्क में आया, साथ ही पर्शियन धनी व्यक्ति के साथ रहते हुए वह पर्शिया की हाई क्लास सोसायटी के संपर्क में भी आया।

उसका दावा था कि वह लोगों से साहित्य पर अपने ज्ञान और भाषा पर पकड़ के साथ ही सौम्यता के कारण घुलमिल जाता था। उसे लगातार पैसों की जरूरत होती थी, जिसके लिए वह पर्यटकों को लूटने, घरों में चोरी करने जैसे अपने पसंदीदा अपराधों को अंजाम देता रहता था। इसी दौरान उसकी मुलाकात एक अमीर और युवा पारसी लड़की चेंटल कॉम्पेनॉन से हुई। इस लड़की को चार्ल्स से प्रेम हो गया और दोनों ने शादी कर ली।

1970 के दशक में चार्ल्स और चेंतल मुंबई आए। यहां उन्होंने यूरोप से चुराई हुई कारें बेचने का धंधा शुरु किया। ऐसा लगता है कि पर्यटकों कोलूटने और गहने चुराने में ज्यादा पैसा नहीं बन रहा था, इसीलिए उसने जुआ खेलना शुरु किया और इसमें उसे खूब पैसा मिला। इसके बाद उसने हिप्पियों (नशे के शौकीन पर्यटक) को अपना निशाना बनाना शुरु किया। यह वह समय था जब हिप्पी बड़ी संख्या में आध्यात्म की तलाश में भारत का रुख कर रहे थे। ऐसे में सिर्फ झोला उठाकर घूमने वाले पर्यटकों को निशाना बनाना चार्ल्स के लिए काफी आसान था।

1970 के दशक में ही चार्ल्स शोभराज ने दिल्ली के अशोका होटल में हथियारबंद डकैती डालने की योजना बनाई। उसकी नजर होटल की लॉबी में स्थित ज्वेली शॉप्स पर थीं जहां लाखों के गहने थे। लेकिन इससे पहले ही वह गिरफ्तार कर लिया गया। जेल में रहते हुए उसने नाटक किया उसे अपेंडिसाइटिस है और पेट में तेज दर्द है। उसे दिल्ली के वेलिंगडन अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां से वह गार्ड को नशीला पदार्थ पिलाकर फरार हो गया। बाद में उसे और उसकी पत्नी दोनों को रेलवे स्टेशन से पकड़ा गया और फिर से जेल में डाल दिया गया।

जेल से रिहा होने के बाद चार्ल्स शोभराज और उसकी पत्नी काबुल चले गए, जहां उन्हें भारी मात्रा में हशीश मिली। माना जाता है कि उसने वहां बहुत से पर्यटकों को लूटा। लेकिन एक होटल में बिल का भुगतान न करने पर उसे पकड़ लिया गया। लेकिन वह कानून के शिकंजे से फिर निकल भागा, और अपनी पत्नी को वहीं छोड़ दिया। चार्ल्स की इस हरकत से उसकी पत्नी का दिल टूट गया और वह अपनी बेटी के पास वापस फ्रांस चली गई।

चार्ल्स को इससे कोई फर्क नहीं पड़ा। उसे अपनी लापरवाह जिंदगी जारी रखी जिसमें उसे नशीले पदार्थ उपलब्ध थे और महिलाएं भी मिल जाती थीं। उसने जाली पासपोर्ट के जरिए कई देशों का दौरा किया। वह कई भाषाएं बोल सकता था और उसे नशीले पदार्थों की गहरी पहचान थी। उसकी इस काबिलियत से उसे बहुत फायदा हुआ। 1974 में उसे ग्रीस में गिरफ्तार किया गया, लेकिन जल्द ही वह वहां से भी भाग निकला।

चीर्ल्स शोभराज पर किताब लिखने वाले रिचर्ड नेविल ने लिखा है कि चार्ल्स कहता था कि पुलिस उसे उम्र भर जेल में रखना चाहती है, लेकिन स्वतंत्र रहने की उसकी इच्छा को नहीं हरा सकती।

काठमांडु में ट्रेडर किन लोगों को कहा जाता है जेल से रिहा होने के बाद जब उससे पूछा गया कि अब भविष्य के लिए क्या योजना है, तो उसने कहा कि वह एक किताब लिखना चाहता है, जिसमें अपनी जिंदगी के बारे में लिखेगा। लेकिन क्या वह ऐसा करेगा!

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