BSEB 10th 12th Result 2020: मार्च-अप्रेल में आ सकता है 10वीं व 12वीं का रिजल्‍ट, यहां पढ़ें पूरी डिटेल

SEBI ki Sthapna kab ki gai

Share Bazaar Ki Mool Baatein

शेयर बाजार में निवेश करने के लिए आपका एक डीमेट अकाउंट होना चाहिए | आप यह अकाउंट घर बैठकर बिना किसी निवेश के बना सकते हैं | दुनिया में बहुत ऐप उपस्थित है जिसकी सहायता से आप यह कर सकते हैं | उदाहरण :- अ‍ॅप सटॉकस (Upstox)

शेयरों के खरीदारों और विक्रेताओं के लिए एक मंच पाया जाता है इसे शेयर बाजार कहते हैं | 1995 से पहले लोग ट्रेड रिंग में खड़े होकर लेन-देन किया करते थे | वर्तमान में ट्रेडिंग के लिए दलाल के कार्यालय अथवा इंटरनेट सुविधा उपलब्ध है | शेयर बाजार और स्टॉक बाजार दोनों एक ही है | आज हम Share Bazaar Ki Mool Baatein / शेयर बाजार की मूल बातें जानेगे |

Share Bazaar Ki Mool Baatein / शेयर बाजार की मूल बातें :-

शेयर बाजार एक ऐसी जगह है जहां पर विभिन्न कंपनियों के शेयरों का कारोबार किया जाता है | भारत में दो प्राथमिक एक्सचेंज है | एनएसई (NSE-National Stock Exchange) बीसई (BSE – Bombay Stock Exchange) अ‍ॅप सटॉकस क्यों चुने ? अ‍ॅप सटॉकस शेयर बाजार के मूल सिद्धांतों, व्यापार करने के तरीके और सफल व्यापारिक रणनीतियों के बारे में जानकारी प्रदान करता है | शेयर बाजार के तौर-तरीकों को समझने के लिए हर उत्सुक निवेशक को मौका देता है |

प्राथमिक बाजार और द्वितीय बाजार में अंतर ?

प्राथमिक बाजार:-

द्वितीय बाजार :-

शेयर बाजार में शेयरों की कीमत कैसे तय होती है?

शेयर बाजार की मूल बातें समझते हुए हमारे लिए यह अति आवश्यक है कि बाजार ही शेयरों की कीमत निर्धारित करता है | सामान्य तौर पर शेयरों का मूल्य उस समय बढ़ जाता है जब कंपनी तेजी से बढ़ रही हो |

एसबीआई ने कर्ज महंगा किया

नियंत्रण से बाहर जाती महंगाई को काबू में करने के लिए भारत के सबसे बड़े व्यावसायिक बैंक एसबीआई की पहल. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने कार और होम लोन महंगा किया. बैंक में फिक्स डिपॉजिट करने वालों को ज्यादा ब्याज मिलेगा.

सोमवार को कारोबारी दिन शुरू होते ही एसबीआई ने लैंडिंग रेट 50 बेसिक प्वाइंट बढ़ा दिया. इस बढ़ोत्तरी से कार लोन, होम लोन और औद्योगिक लोन महंगा हो जाएगा. नई दरें तुरंत प्रभाव से लागू हो गई है. घर, कार या कारोबार के लिए लोन लेने वालों को अब 12.25 फीसदी तक की दर से कर्ज चुकाना होगा.

एक जुलाई से लोन के बेस रेट यानी न्यूनतम ब्याज की सीमा 7.5 फीसदी होगी. नए कर्जदारों को लोन कम से कम 7.5 फीसदी दर पर मिलेगा. बदलावों की जानकारी शेयर बाजार की नियामक संस्था सेबी को देते हुए एसबीआई ने कहा, ''बैंक ने प्राइम लैंडिंग के लिए बेंचमार्क 50 बेसिक प्वाइंट बढ़ाकर 11.75 से 12.25 फीसदी कर दिया है. यह 17 अगस्त से प्रभावी होगा.''

Data Protection के लिए Google Cloud जैसी कंपनियों को DoT में कराना होगा रजिस्ट्रेशन, TRAI ने जारी कीं ये सिफारिशें

TRAI Recommendations: TRAI ने कहा है कि नेटवर्क में असुरक्षित उपकरणों के इस्तेमाल को रोकने के लिए विश्वसनीय स्रोत से खरीद को बढ़ावा दिया जाना चाहिए. वहीं, कंटेंट डिलीवरी नेटवर्क के लिए देश शेयर बाजार की नियामक संस्था कौन है में रजिस्ट्रेशन होना चाहिए.

टेलीकॉम रेगुलेटर TRAI (Telecon Regulatory Authority of India) ने शुक्रवार को "Regulatory Framework for Promoting Data Economy Through Establishment of Data Centres, Content Delivery Networks, and Interconnect Exchanges in India" टाइटल के तहत डेटा प्रोटेक्शन और डेटा इकोनॉमी को लेकर अपनी नई सिफारिशें जारी की हैं. TRAI केंद्र के आत्मनिर्भर भारत अभियान के अनुरूप बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए स्थानीय डेटा केंद्रों को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहा है और इसके रेगुलेशन को लेकर अब रेकमेंडेशन आई हैं.

सेबी के कार्य

  • प्रतिभूतियों की इन्साइडर ट्रेडिंग पर रोक लगाना,
  • स्टॉक एक्सचेंज और किसी भी अन्य प्रतिभूति बाजार के व्यवसाय का नियमन करना,
  • मयुचल फंड की सामूहिक निवेश योजनाओं को पंजीकृत करना और उनका नियमन करना ।

आपको बता दें की सेबी के वर्तमान अध्यक्ष अजय त्यागी हैं ।

सेबी के अध्यक्ष का कार्यकाल कितने वर्ष का होता है?

आपको बता दें की सेबी का अध्यक्ष पाँच वर्ष के लिए चुना जाता है अथवा 65 वर्ष की आयु तक या अगले आदेश तक नियुक्त किया जाता है ।

सेबी के प्रथम अध्यक्ष डॉक्टर एस ए दुबे थे ।

SEBI ki Sthapna kab ki gai:-सेबी का मुख्य उद्देश्य शेयर बाजार में निवेशकों को सुरक्षा प्रदान करना और साथ ही संस्था, ट्रेडर्स और निवेशकों को हर तरह से सुरक्षा प्रदान करना जिससे वे किसी भी प्रकार के धोखाधड़ी से बचे रहें ।

सेबी में चार पूर्ण कालिक सदस्य हैं ।

आपको बता दें की सेबी की स्थापना 12 अप्रैल 1988 ईस्वी को हुई थी लेकिन इसको अधिनियम 1992 के द्वारा वैधानिक मान्यता शेयर बाजार की नियामक संस्था कौन है 30 जनवरी 1992 में प्राप्त हुआ था ।

सेबी में शिकायतें कैसे करें?

आप सेबी के ऑफिसियल वेबसाईट पर विज़िट करके निम्न तरीके से अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं ।

  • निवेशकों की शिकायतें
  • निवेशकों की शिकायतें
  • शिकायत पंजीकरण
  • अनुस्मारक (रिमाइंडर) भेजें
  • शिकायत की स्थिति देखें
  • निःशुल्क निवेशक सहायता सेवा:
  • 1800 266 7575

'कलावती' के साथ-साथ सहारा पर सुप्रीम कोर्ट के सवाल

'कलावती' के साथ-साथ सहारा पर सुप्रीम कोर्ट के सवाल

एक छोटी कस्बाई चिटफंड संस्था से कुछ ही समय में खरबों रुपए की कॉरपोरेट कंपनी बन जाने वाली सहारा इंडिया के लिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मुश्किलें खड़ी हो गई हैं.

इस मामले में शेयर बाजार की नियामक संस्था सेबी की तारीफ तो हो रही है, लेकिन उसकी कथित देरी से की गई कार्रवाई पर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं.सुप्रीम कोर्ट ने सहारा को निवेशकों के 24,000 करोड़ रुपए वापस करने का आदेश दिया है और बेहद तीखी भाषा में इस कंपनी के काम काज पर सवाल उठाए हैं।

इस फैसले की हर जगह तारीफ हो रही है, लेकिन अब कई कठिन सवालों के जवाब सेबी को भी देने पड़ेंगे क्योंकि किसी भी आर्थिक गड़बड़ी पर नजर रखने की जिम्मेदारी सेबी की होती है और अगर वो ये काम मुस्तैदी से नहीं कर पाती तो सवाल उठने लाजमी हैं।

'लाखों एजेंट सक्रिय, सरकार सो रही थी?'

सवाल ये कि जब गाँव-गाँव, कस्बे-कस्बे में सहारा इंडिया के लाखों एजेंट जब कंपनी के लिए धन इकट्ठा कर रहे थे, तब सेबी क्या कर रही थी?

कोलकता स्थित लेखक और चार्टर्ड अकाउंटेंट विनोद कोठारी कहते हैं, “जब लोगों से 20,000 करोड़ इकट्ठा किए जा रहे थे तो प्रशासन क्यों सो रहा था? ये बात तो साफ है कि ये धन एक रात में इकट्ठा नहीं किए गए। अगर इस काम के लिए कंपनी ने करीब 10 लाख एजेंटों का इस्तेमाल किया तो ऐसा नहीं हो सकता कि सरकार को इसके बारे में पता नहीं हो?”

उनका कहना है कि ये मामला सिर्फ सहारा से जुड़ा नहीं है बल्कि ऐसी हज़ारों कंपनियाँ हैं जिन्होंने बाजार से किसी ना किसी कारण लोगों से धन लिया लेकिन सेबी ने उन पर कोई कदम नहीं उठाया।

वो एक दूसरी समस्या की ओर इशारा करते है: “हमारे प्रशासन में एक और गड़बड़ी ये है कि ये पता नहीं कि गलती करने वाले पर कार्रवाई कौन करेगा? क्या उस पर रजिस्ट्रार ऑफ़ कंपनीज कार्रवाई करेगा, या फिर पुलिस या सेबी?”

सुप्रीम कोर्ट के सवाल

सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में कई सवाल उठाए हैं, और उनमें से एक सवाल निवेशकों की विश्वसनीयता को लेकर भी है। अदालत ने कहा कि सहारा इंडिया रिएल इस्टेट कॉर्पोरेशन की ओर से दिए गए भारी भरकम दस्तावेजों के पहले पन्ने से आगे जाना लिए भी उनके लिए मुश्किल हो गया।

सुप्रीम कोर्ट ने कलावती नाम की एक निवेशक का जिक्र किया है जिसका नाम निवेशकों की सूची में है। कलावती का सीरियल नंबर है 6603675, और कागजों के मुताबिक वो ‘उछारा, एसके नगर’ की रहने वाली है। कंपनी से उनका परिचय करवाने वाले का नाम ‘हरिद्वार’ है और वो बानी रोड कबीर नगर का रहने वाले हैं।

सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक ये पता करना असंभव है कि कलावती को किस आधार पर सहारा की इस स्कीम से जोड़ा गया। अदालत ने कहा, “कलावती बेहद सामान्य सा नाम है, और निवेशक के दिए गए पते पर एक से ज्यादा कलावती हो सकती हैं। ना ही उनके माता-पिता का नाम है ना ही पति का नाम कागजों में दिया गया है.”

सहारा का जवाब

उधर सहारा ने कई अखबारों में पूरे पन्ने का अपना जवाब छापा है। अपने जवाब में सहारा ने निवेशकों से कहा है कि उन्हें घबराने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि सहारा ने हमेशा उनके धन की रक्षा की है।

सहारा ने कहा है कि पिछले 33 सालों में किसी ने भी पैसा वापस किए जाने पर कोई शिकायत नहीं की है कि कंपनी ने करीब 12 करोड़ निवशकों को 1,40,000 करोड़ दिए हैं।

सहारा कहता है, "लोगो को सहारा का तेजी़ से विकास बरदाश्त नहीं है। सहारा की तारीफ करने के बजाए अधिकारियों ने बार-बार हमारी आलोचना की है."

सहारा ने कहा कि उसके पास कोई भी बेनामी धन नहीं है और वो किसी शेयर बाजार की नियामक संस्था कौन है भी अधिकारी को ये चुनौती देता है कि वो ऐसा साबित करके दिखाए। सहारा के मुताबिक लोग एअरकंडीशन्ड कमरों में बैठकर अपनी सोच बना रहे हैं और आरोप लगा रहे हैं। कंपनी का कहना है कि अधिकारियों ने उसके मामले को गलत ढंग से पेश किया है।

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