मार्केट कैप का गणित

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सामान्य जानकारी

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परिचय MATH

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इस बारे में और जानें :- MATH

काम के रिसोर्स

अगर आप क्रिप्टो की दुनिया में नए हैं, तो Bitcoin, Ethereum और अन्य क्रिप्टोकरेंसी खरीदना शुरू करने के बारे में जानने के लिए Crypto.com यूनिवर्सिटी और हमारे हेल्प सेंटर का इस्तेमाल करें।

अपने पसंद की फ़िएट करेंसी में MATH की मौजूदा कीमत लाइव देखने के लिए, आप इस पेज के ऊपरी दाएँ कोने में मौजूद Crypto.com के कन्वर्टर फ़ीचर का इस्तेमाल कर सकते हैं।

MATH का प्राइस पेज Crypto.com प्राइस इंडेक्सका हिस्सा है जो टॉप क्रिप्टोकरेंसी के लिए प्राइस हिस्ट्री, प्राइस टिकर, मार्केट कैप और लाइव चार्ट को फ़ीचर करता है।

MATH मूल्य ( MATH )

लाइव MATH की कीमत आज $0.110594 USD है, और 24 घंटे के ट्रेडिंग वॉल्यूम $276,540 USD हम रियल टाइम में हमारे MATH से USD के भाव को अपडेट करते हैं। MATH पिछले 24 घंटों में 0.09% नीचे है। वर्तमान CoinMarketCap रैंकिंग #663, जिसका लाइव मार्केट कैप $12,647,062 USD है। 114,356,164 MATH सिक्कों की परिसंचारी आपूर्ति है और अधिकतम 200,000,000 MATH सिक्कों की आपूर्ति।

MATHमें ट्रेडिंग के लिए शीर्ष एक्सचेंज वर्तमान में MEXC, XT.COM, BitMart, Gate.io, और । आप अन्य को हमारे पर सूचीबद्ध पा सकते हैं।

What Is MATH (MATH)?

MATH is a one-stop crypto platform that combines several applications, including Math Wallet, MATH VPOS Pool, Math DApp Store, MathStaking, MathPay and MathChain. It was founded in 2018.

MATH supports more than 63 public blockchains. It allows users to invest and build their portfolios with automated quant trading, earn an annual percentage rate (APR) of up to 30% on their digital assets, deposit crypto, get instant loans and मार्केट कैप का गणित use crypto for payments regardless of time and location and at zero fees.

Math Wallet is an extension wallet that supports multi-chain decentralized applications (DApps).

Who Are the Founders of MATH?

The founder and CTO of MATH is Eric Yu. Before creating Math Wallet, Yu was the CTO of Zhongtopia, the largest mutual aid platform in China with over ten million users. He was also the CTO and co-founder of XunFang Tech.

What Makes MATH Unique?

The Math DApp store offers users access to such DApps as Math Cloud Wallet, Polkadot VPoS Pool, Near Staking Tools, Binance Staking Tool, Uniswap, SushiSwap and others.

MATH VPOS Pool allows users to stake their crypto and get up to 30% APR. Another component of the MATH ecosystem is MathChain, which is a second-layer मार्केट कैप का गणित blockchain based on Substrate.

The MATH token was introduced on October 22, 2019. It is an ERC-20 token that enables staking, provides a validator infrastructure to networks and offers users rewards.

Math DApp Factory gives users tools that can simplify the development of exchanges, games and other decentralized applications. MathSwap is an instant and secure token exchange that allows users to build crypto portfolios with an automatic quant trading system.

MathNews provides the latest news about the public chains supported by the MATH ecosystem. Finally, MathPay is a cryptocurrency payment gateway.

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How Many MATH (MATH) Coins Are There in Circulation?

As of March 2021, MATH (MATH) has a circulating supply of 114,356,164 tokens and a maximum supply of 200,000,000 MATH.

How Is the MATH Network Secured?

MATH is an ERC-20 token that is secured by the underlying network of Ethereum (ETH).

Where Can You Buy MATH (MATH)?

MATH (MATH) can be traded on the following exchanges:

Learn more with CoinMarketCap’s dedicated guide on how to buy Bitcoin and other cryptocurrencies.

शेयर मार्केट के नियम । शेयर मार्केट का गणित

share market ka ganit/niyam

शेयर मार्केट का गणित शब्द का कोई ऐसा अर्थ न निकल लीजियेगा की चलो हमको अब वह चीज़ मिलने वाली है जिसका use करके हम शेयर मार्केट के साथ ही गणित कर देंगे तो आपको मै बता दूँ की यह एक दिन में सपना देखने वाली बात होगी। यहां पर गणित का अर्थ है नियम,तरीका ,समझ और भी बहुत कुछ इस गणित में शामिल है। आइये समझते है की एक अच्छे शेयर trader and investor में क्या quality होनी चाहिए।

-: शेयर मार्केट के 7 महत्वपूर्ण नियम :-

(1) आपको शेयर मार्केट में investor की तरह long -term invest करना चाहिए न कि trader की तरह short – term मुनाफा के बारे में सोचना चाहिए क्योकि ट्रेडर को तुरंत फायदा चाहिए होता है जो की अधिकतम केस में नहीं होता है और ट्रेडर को माल नुकसान के ही काटना पड़ता है जिससे उसको नुकसान उठाना पड़ता है। अगर सोच लॉन्ग टर्म का होता तो आप वह सौदा hold कर लेते और जब आपको उसमे profit मिलता तो उसे sell करके मुनाफा कमा लेते। यही शेयर मार्केट का नियम /गणित है।

(2) जिस भी कंपनी के शेयर में आप पैसा लगा रहे हैं उसके बारे में कुछ जानकारी इकठ्ठा कर लीजिये मेरी समझ में आपको blue chip कंपनी के शेयर में ही निवेश करना चाहिए।

  • किसी भी शेयर का fundamental जानना बहुत ही जरुरी होता है।
  • शेयर quarter to quarter result क्या रिजल्ट दे रहा है
  • YEAR TO YEAR क्या GROUTH है
  • कंपनी के शेयर गिरवी तो नहीं रक्खे पड़े हैं
  • कंपनी का मार्केट कैप क्या है
  • कम्पनी का BOOK VALUE क्या है
  • कंपनी का PB /PE RATIO क्या है
  • उस SECTOR का PB /PE RATIO क्या है
  • कंपनी का 52 WEEK HIGH और 52 WEEK LOW कितना है
  • कंपनी का मार्केट में डिमांड कितना है

शेयर बाजार-शेयर मार्केट क्या है-STOCK MARKETजानने के लिए यहाँ क्लिक करें

(3) Diversification mode में investment करना चाहिए और diversified portfolio बनाना चाहिए शेयर मार्केट का नियम /गणित यही कहता है। Diversification mode का अर्थ है की विभिन्न sector के विभिन्न share में थोड़ी मात्रा में ही निवेश करना चाहिए। विभिन्न सेक्टर जैसे – FMCG ,software ,IT ,oil & gas ,hotel ,energy ,entertainment, Tour and Travels एंड many more sector हैं। मार्केट कैप का गणित इन सेक्टरों के अंतर्गत आने वाले विभिन्न शेयर में invest करना ही Diversification mode में investment करना कहलाता है।

(4) Research on stock: कोई भी शेयर खरीदने से पहले हमें अच्छी तरह से उस पर रिसर्च कर लेना चाहिए इसके कुछ बिंदु हैं

  • Chart देखने आना चाहिए Weekly Monthly and Yearly for long term investment.
  • Resistance level क्या है इस शेयर का देखने आना चाहिए।
  • Support level क्या है इस शेयर का देखने आना चाहिए।
  • Candle stick पढ़ने आना चाहिए।
  • RSI देखने आना चाहिए।
  • MACD को पढ़ने आना चाहिए।
  • Over brought /over sell zone का पता होना चाहिए।

(5) Live Market Practice:आपने सुना ही होगा “practice make a man perfect” यही फंडा शेयर मार्केट में काम आता है। आप केवल एक शेयर को प्रैक्टिस मार्केट कैप का गणित के लिए buy करें और इस एक शेयर को खरीदने में अपना सारा ज्ञान झोक दें ,फिर analysis करें की आपने जो कुछ सीखा है उसने आपको फायदा दिलाया है की नहीं ,आप निश्चित रूप से पहले के मुकाबले अब अच्छा निर्णय ले पा रहे होंगें। इसे जारी रखिये जब तक की आप शेयर के बेचने और खरीदने में माहिर नहीं हो जाते यही शेयर मार्केट का गणित /नियम है।

(6) किसी विशेष शेयर से प्यार ,लगाव,मोह को त्यागें क्युकी मार्केट में बहुत अधिक option हैं। अगर आपको शेयर मार्केट से कामना है तो आपको धैयशील होना पड़ेगा। हो सकता है आपके इन्वेस्ट करते ही मार्केट गिर जाय और शेयर का दाम भी गिर जाएगा इस समय अगर आप पैनिक होकर माल बेच देंगें तो आपको loss हो जायेगा इसीलिए long term investment करिये और धैर्य धारण कीजिये। यदि इसका उल्टा हो जाये invest करते ही मार्केट और शेयर बढ़ जाए तो भी आप panic होकर शेयर तुरंत बेच देते हैं अगर हमें शेयर बाजार से कामना है तो मार्केट के उतार -चढाव पर धैर्य धारण करना होगा। इसे ही शेयर मार्किट का गणित /शेयर मार्केट का नियम कहते हैं।

(7) Risk management by stop-loss :पहले अपने शेयर के price का analysis करिये फिर decide करिये की कितना loss आप सहन कर सकते है और इसके निचे के पॉइंट पर अपना स्टॉप लॉस लगा लीजिये इसके निचे प्राइस जाते ही अपने आप आपका शेयर sell हो जायेगा और आप एक निश्चित नुकसान को ही सहन करना पड़ेगा। इसे ही Risk management कहते है अगर आप स्टॉप लॉस नहीं लगते तो शेयर के निचे जाने पर आपको जयादा नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसे ही शेयर मार्किट का गणित /शेयर मार्केट का नियम कहते हैं।

जब शेयर मार्केट गिरता है तो कहां जाता है आपका पैसा? यहां समझिए इसका गणित

Share market: जब शेयर मार्केट डाउन होता है, तो निवेशकों का पैसा डूबकर किसके पास जाता है? क्या निवेशकों के नुकसान से किसी को मुनाफा होता है. आइए इसका जवाब बताते हैं.

  • शेयर मार्केट डिमांड और सप्लाई के फॉर्मूले पर काम करता है
  • अगर कंपनी अच्छा परफॉर्म करेगी तो उसके शेयर के दाम बढ़ेंगे
  • राजनीतिक घटनाओं का भी शेयर मार्केट पर पड़ता है असर

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जब शेयर मार्केट गिरता है तो कहां जाता है आपका पैसा? यहां समझिए इसका गणित

नई दिल्ली: आपने शेयर मार्केट (Share Market) से जुड़ी तमाम खबरें सुनी होंगी. जिसमें शेयर मार्केट में गिरावट और बढ़त जैसी खबरें आम हैं. लेकिन कभी आपने सोचा है कि जब शेयर मार्केट डाउन होता है, तो निवेशकों का पैसा डूबकर किसके पास जाता है? क्या निवेशकों के नुकसान से किसी को मुनाफा होता है. इस सवाल का जवाब है नहीं. आपको बता दें कि शेयर मार्केट में डूबा हुआ पैसा गायब हो जाता है. आइए इसको समझाते हैं.

कंपनी के भविष्य को परख कर करते हैं निवेश

आपको पता होगा कि कंपनी शेयर मार्केट में उतरती हैं. इन कंपनियों के शेयरों पर निवेशक पैसा लगाते हैं. कंपनी के भविष्य को परख कर ही निवेशक और विश्लेषक शेयरों में निवेश करते हैं. जब कोई कंपनी अच्छा प्रदर्शन करती है, तो उसके शेयरों को लोग ज्यादा खरीदते हैं और उसकी डिमांड बढ़ जाती है. ऐसे ही जब किसी कंपनी के बारे में ये अनुमान लगाया जाए कि भविष्य में उसका मुनाफा कम होगा, तो कंपनी के शेयर गिर जाते हैं.

डिमांड और सप्लाई के फॉर्मूले पर काम करता है शेयर

शेयर मार्केट डिमांड और सप्लाई के फॉर्मूले पर काम करता है. लिहाजा दोनों ही परिस्‍थितियों में शेयरों मार्केट कैप का गणित का मूल्‍य घटता या बढ़ता जाता है. इस बात को ऐसे लसमझिए कि किसी कंपनी का शेयर आज 100 रुपये का है, लेकिन कल ये घट कर 80 रुपये का हो गया. ऐसे में निवेशक को सीधे तौर पर घाटा हुआ. वहीं जिसने 80 रुपये में शेयर खरीदा उसको भी कोई फायदा नहीं हुआ. लेकिन अगर फिर से ये शेयर 100 रुपये का हो जाता है, तब दूसरे निवेशक को फायदा होगा.

कैसे काम करता है शेयर बाजार

मान लीजिए किसी के पास एक अच्छा बिजनेस आइडिया है. लेकिन उसे जमीन पर उतारने के लिए पैसा नहीं है. वो किसी निवेशक के पास गया लेकिन बात नहीं बनी और ज्यादा पैसे की जरूरत है. ऐसे में एक कंपनी बनाई जाएगी. वो कंपनी सेबी से संपर्क कर शेयर बाजार में उतरने की मार्केट कैप का गणित बात करती है. कागजी कार्रवाई पूरा करती है और फिर शेयर बाजार का खेल शुरू होता है. शेयर बाजार में आने के लिए नई कंपनी होना जरूरी नहीं है. पुरानी कंपनियां भी शेयर बाजार में आ सकती हैं.

शेयर का मतलब हिस्सा है. इसका मतलब जो कंपनियां शेयर बाजार या स्टॉक मार्केट में लिस्टेड होती हैं उनकी हिस्सेदारी बंटी रहती है. स्टॉक मार्केट में आने के लिए सेबी, बीएसई और एनएसई (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) में रजिस्टर करवाना होता है. जिस कंपनी में कोई भी निवेशक शेयर खरीदता है वो उस कंपनी में हिस्सेदार हो जाता है. ये हिस्सेदारी खरीदे गए शेयरों की संख्या पर निर्भर करती है. शेयर खरीदने और बेचने का काम ब्रोकर्स यानी दलाल करते हैं. कंपनी और शेयरधारकों के बीच सबसे जरूरी कड़ी का काम ब्रोकर्स ही करते हैं.

निफ्टी और सेंसेक्स कैसे तय होते हैं?

इन दोनों सूचकाकों को तय करने वाला सबसे बड़ा फैक्टर है कंपनी का प्रदर्शन. अगर कंपनी अच्छा परफॉर्म करेगी तो लोग उसके शेयर खरीदना चाहेंगे और शेयर की मांग बढ़ने से उसके दाम बढ़ेंगे. अगर कंपनी का प्रदर्शन खराब रहेगा तो लोग शेयर बेचना शुरू कर देंगे और शेयर की कीमतें गिरने लगती हैं.

इसके अलावा कई दूसरी चीजें हैं जिनसे निफ्टी और सेंसेक्स पर असर पड़ता है. मसलन भारत जैसे कृषि प्रधान देश में बारिश अच्छी या खराब होने का असर भी शेयर मार्केट पर पड़ता है. खराब बारिश से बाजार में पैसा कम आएगा और मांग घटेगी. ऐसे में शेयर बाजार भी गिरता है. हर राजनीतिक घटना का असर भी शेयर बाजार पर पड़ता है. चीन और अमेरिका के कारोबारी युद्ध से लेकर ईरान-अमेरिका तनाव का असर भी शेयर बाजार पर पड़ता है. इन सब चीजों से व्यापार प्रभावित होते हैं.

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