विश्व का दूसरा सबसे बड़ा ट्रेन हादसा
LIC के IPO से निवेशकों को हुआ नुकसान, जानें कितने पर लिस्ट हुआ शेयर
- एलआईसी का आईपीओ देश के इतिहास का सबसे बड़ा आईपीओ साबित हुआ है।
- पहली बार कोई आईपीओ शनिवार और इतिहास की सबसे बड़ी शेयर बाजार दुर्घटना क्या थी रविवार को भी खुला रहा।
- इस आईपीओ के माध्यम से सरकार ने 3.5 फीसदी हिस्सेदारी बेची इतिहास की सबसे बड़ी शेयर बाजार दुर्घटना क्या थी है।
नई दिल्ली। मंगलवार को देश की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी जीवन बीमा निगम (LIC) के शेयर बाजारों (Share Market) में लिस्ट हो गए हैं। पहले दिन ही एलआईसी को शेयर मार्केट रास नहीं आया और लिस्टिंग भारी डिस्काउंट पर हुई। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर एलआईसी का शेयर 8.11 फीसदी डिस्काउंट के साथ 872 रुपये पर लिस्ट हुआ।
Vijay Hazare Trophy 2022: ऋतुराज गायकवाड़ ने फिर मचाई तबाही, 6 छक्कों के दम पर ठोक दिए 168 रन
Updated: November 30, 2022 2:18 PM IST
सलामी बल्लेबाज ऋतुराज गायकवाड़ (Ruturaj Gaikwad) का बल्ला घरेलू क्रिकेट में लगातार आग उगल रहा है. महाराष्ट्र के कप्तान ने विजय हज़ारे ट्रॉफी 2022 (Vijay Hazare Trophy) के क्वार्टर फाइनल मुकाबले में ऐतिहासिक दोहरा शतक जड़ने के बाद सेमीफाइनल में भी तबाही मचा दी है.
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गायकवाड़ ने असम के इतिहास की सबसे बड़ी शेयर बाजार दुर्घटना क्या थी खिलाफ (Maharashtra vs Assam) सेमीफाइनल मुकाबले में शानदार शतकीय पारी खेली. उन्होंने अहमदाबाद में नरेंद्र मोदी क्रिकेट के बी ग्राउंड पर महज 88 गेंदों पर शतक ठोक दिया.
आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स के इतिहास की सबसे बड़ी शेयर बाजार दुर्घटना क्या थी लिए खेलने वाले इस बल्लेबाज ने 126 गेंदों पर 18 चौके और 6 छक्कों की मदद से इतिहास की सबसे बड़ी शेयर बाजार दुर्घटना क्या थी 168 रन की पारी खेली. अपनी पारी के दौरान उन्होंने 133.33 के स्ट्राइक रेट से असम के गेंदबाजों के खूब कूटा.
आंकड़ों की बात करें तो ऋतुराज गायकवाड़ ने 30 बार 50 या उससे ज्यादा की पारी खेली है. ये उनका 71वां लिस्ट ए का मैच है, जिसमें औसत 59 इतिहास की सबसे बड़ी शेयर बाजार दुर्घटना क्या थी का जबकि स्ट्राइक रेट 101 का है. वे 350 से ज्यादा चौके के अलावा 100 से ज्यादा छक्के लगाने वाले खिलाड़ी बन गए हैं.
गायकवाड़ की एक और धाकड़ पारी के दम पर महाराष्ट्र ने असम के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबले में 7 विकेट पर 350 रन का स्कोर बनाया है.
भारतीय रेलवे का काला दिन: बिहार में विश्व के दूसरे बड़े ट्रेन हादसे में हुई थी 300 से ज्यादा मौतें, कई जोड़े शादी कर लौट रहे थे घर
6 जून को भारतीय रेलवे का काला दिन भी कहा जा सकता है। सन 1981 में बिहार के खगड़िया जिले में हुआ ट्रेन हादसा इतिहास की सबसे बड़ी शेयर बाजार दुर्घटना क्या थी देश का सबसे बड़ा ट्रेन हादसा कहा जा सकता है। इस हादसे में ट्रेन बागमती नदी में समा गई थी। हादसे में 300 से ज्यादा.
चितरंजन सिंह, खगड़िया: छह जून 1981 की शाम कोसी क्षेत्र वासियों के मानस पटल पर सदा के लिए अंकित हो गया है। उस दिन ही मानसी-सहरसा रेलखंड (तब छोटी रेल लाइन थी) के बदला घाट-धमारा घाट स्टेशन के बीच बागमती नदी पर बने पुल संख्या-51 पर (अब रिटायर्ड पुल) ट्रेन हादसे में लगभग तीन सौ यात्रियों की जान इतिहास की सबसे बड़ी शेयर बाजार दुर्घटना क्या थी चली गई थी। यह देश की सबसे बड़ी रेल दुर्घटनाओं में एक है। छह जून 1981 को मानसी से ( 416 डाउन सवारी गाड़ी) सहरसा के लिए पैसेंजर ट्रेन चली। जो उक्त पुल के पास पहुंचते ही हादसे का शिकार हो गई। ट्रेन की सात बोगियां बागमती नदी में समा गई।
विश्व की सबसे बड़ी प्रदूषण आपदा थी भोपाल गैस त्रासदी
महाराणा प्रताप पीजी कालेज जंगल धूसड़ में राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्राचीन इतिहास विभाग के सहायक आचार्य डॉ. सौरभ सिंह ने कहा कि पूरे विश्व में भोपाल गैस त्रासदी को इतिहास की सबसे बड़ी औद्योगिक प्रदूषण आपदा मानी जाती है।
औद्योगिक आपदा प्रबन्धन और नियंत्रण के लिए जागरूकता फैलाने तथा प्रदूषण रोकने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 2 दिसम्बर को राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस मनाया जाता है। भारत की सबसे बड़ी त्रासदियों में से एक भोपाल गैस त्रासदी वर्ष 1984 में हुई थी। इस त्रासदी में जान गवानों वाले लोगों के लिए आज के दिन श्रद्धांजलि सभा आयोजित की जाती है। एक रिपोर्ट के अनुसार 5 लाख से अधिक लोगों की जहरीली गैस रिसाव के कारण मृत्यु हो गयी थी।
राजीव गांधी सबसे कम उम्र में बने थे PM, देश में लाए थे कई बदलाव
- नई दिल्ली, इतिहास की सबसे बड़ी शेयर बाजार दुर्घटना क्या थी
- 20 अगस्त 2018,
- (अपडेटेड 20 अगस्त 2018, 8:53 AM IST)
पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव इतिहास की सबसे बड़ी शेयर बाजार दुर्घटना क्या थी गांधी की आज जयंती है. उनका जन्म 20 अगस्त 1944 को हुआ था. वह देश के सातवें और भारतीय इतिहास में सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री थे. वे राजनीति में नहीं आना चाहते थे, लेकिन हालात ऐसे बने कि वो राजनीति में आए और देश के सबसे युवा पीएम के रूप में उनका नाम दर्ज हो गया.
राजीव गांधी की राजनीति में कोई रूचि नहीं थी और वो एक एयरलाइन पायलट की नौकरी करते थे और उसी में खुश थे. आपातकाल के उपरांत जब इंदिरा गांधी को सत्ता छोड़नी पड़ी थी. वहीं साल 1980 में छोटे भाई संजय गांधी की हवाई इतिहास की सबसे बड़ी शेयर बाजार दुर्घटना क्या थी जहाज दुर्घटना में मृत्यु हो जाने के बाद माता इंदिरा का सहयोग देने के लिए उन्होंने राजनीति में एंट्री की. राजीव गांधी संजय गांधी की लोकसभा सीट से सांसद बने. इसके बाद 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद वे प्रधानमंत्री बने.
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