'शेयर बाजार बंद'
बीएसई सेंसेक्स 389.01 अंक लुढ़क कर 62,181.67 और एनएसई निफ्टी 112.75 अंक की गिरावट के साथ 18,496.60 अंक पर बंद हुआ.
Stock Market Closing Bell:आज रिजर्व बैंक (RBI) ने लगातार पांचवी बार रेपो रेट में 30 बेसिस प्वॉइंट की बढ़ोतरी का ऐलान किया है.जिसका असर बाजारों पर देखा गया है.
Stock Market Opening Bell: कल के कारोबार के अंत में 30 शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स (Sensex) 208.24 अंक यानी 0.33 प्रतिशत गिरकर 62,626.36 पर बंद हुआ था.
Stock Market Closing: सेंसेक्स के शेयरों में, टाटा स्टील, डॉ रेड्डीज, इंफोसिस, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, भारती एयरटेल, आईसीआईसीआई बैंक, इंडसइंड बैंक, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक्नोलॉजीज और मारुति के शेयरों को भारी नुकसान हुआ.
Dollar vs Rupee Rate Today: बाजार सूत्रों ने कहा कि विदेशी पूंजी प्रवाह बढ़ने और घरेलू शेयर बाजार में तेजी आने के बीच निवेशकों की कारोबारी धारणा मजबूत हुई है.
Sensex-Nifty Today: आज के कारोबार के अंत में बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 170.89 अंक यानी 0.28 प्रतिशत की गिरावट के साथ 61,624.15 अंक पर बंद हुआ. वहीं, निफ्टी कारोबार के अंत में 20.55 अंक यानी 0.11 प्रतिशत की मामूली गिरावट के साथ 18,भारत में कितने शेयर मार्केट के बाजार हैं? 329.15 अंक था.
आज के कारोबार के अंत में प्रमुख बेंचमार्क सूचकांक सेंसेक्स 1,181.34 अंक या 1.95 प्रतिशत बढ़कर 61,795.04 पर बंद हुआ. वहीं, उतार-चढ़ाव वाले सत्र में निफ्टी 321.50 अंक या 1.78 प्रतिशत की तेजी के साथ 18,349.70 पर बंद हुआ।
बृहस्पतिवार की बात करें तो लगातार दूसरे दिन गिरावट रही और बीएसई सेंसेक्स 420 अंक लुढ़ककर 61,000 अंक के नीचे बंद हुआ था. वैश्विक स्तर पर बिकवाली दबाव के बीच वाहन, वित्त और ऊर्जा कंपनियों में बिकवाली से बाजार नुकसान में रहा था.
सेंसेक्स सोमवार को 786.74 अंक या 1.31 प्रतिशत की तेजी के साथ 60,746.59 पर बंद हुआ था, जबकि निफ्टी 225.40 अंक या 1.27 फीसदी की बढ़त के साथ 18,012.20 पर बंद हुआ.
घरेलू शेयर बाजार में गुरुवार को लगातार पांचवे कारोबारी सत्र में तेजी दर्ज की गई और बीएसई सेंसेक्स 95.71 अंक चढ़कर बंद हुआ. वैश्विक बाजारों में गिरावट के बावजूद सूचना प्रौद्योगिकी (IT) कंपनियों के शेयरों में कारोबार के अंतिम घंटे में लिवाली से बाजार में तेजी आई. रुपये में मजबूती से भी निवेशकों को समर्थन मिला.
FY23 में शेयर बाजार देगा शानदार रिटर्न? जानें बीते वित्त वर्ष से क्या मिलते हैं संकेत
भारत की अर्थव्यवस्था से जुड़ी दो रिपोर्ट्स एक ही दिन बाजार में गिरीं. पहली ब्रोकरेज फर्म एमके ग्लोबल की, जिसमें निफ्टी के 19,000 पर पहुंचने का अनुमान था और दूसरी रिपोर्ट घरेलू रेटिंग एजेंसी ICRA की, जिसमें वित्त वर्ष 2022-23 के लिए भारत की ग्रोथ रेट का अनुमान 8 फीसदी से घटाकर 7.2 फीसदी कर दिया गया था.
भारत की अर्थव्यवस्था (Indian Economy) से जुड़ी दो रिपोर्ट्स एक ही दिन बाजार (Share Market) में गिरीं. पहली ब्रोकरेज फर्म एमके ग्लोबल की, जिसमें निफ्टी (NSE Nifty) के 19,000 पर पहुंचने का अनुमान था और दूसरी रिपोर्ट घरेलू रेटिंग एजेंसी ICRA की, जिसमें वित्त वर्ष 2022-23 के लिए भारत की ग्रोथ रेट (Growth Rate) का अनुमान 8 फीसदी से घटाकर 7.2 फीसदी कर दिया गया था. पहली नजर में ये आकलन आपको विरोधावासी लग रहे हैं, तो बाजार का पिछले साल का प्रदर्शन सामने है. पिछले वित्त वर्ष की शुरुआत कोविड की दूसरी लहर के चरम बिंदु से हुई थी और अंत जिओ पॉलिटिकल टेंशन, ब्याज दरों में बढ़ोतरी, तपते मेटल और उबलते क्रूड के साथ हुआ. लेकिन इन तमाम खराब खबरों के बाद भी वित्त वर्ष 2022 में शेयर बाजार के निवेशकों ने जबरदस्त कमाई की. इस दौरान शेयर बाजार रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया.
निफ्टी ने सालभर में 19 फीसदी और सेंसेक्स ने 18 फीसदी का रिटर्न दिया. शेयर बाजार की शानदार तेजी में निवेशकों ने 59.75 लाख करोड़ रुपए की कमाई की. इस दौरान बीएसई में लिस्टेड सभी कंपनियों का मार्केट कैप एक साल पहले के मुकाबले 29 फीसदी बढ़कर करीब 264 लाख 6 हजार 501 करोड़ रुपए हो गया. इस रिकॉर्ड वैल्यूएशन की वजह से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों यानी FPI की तरफ से भारी मुनाफावसूली की भी. पूरे 12 महीने के दौरान उन्होंने भारतीय बाजार से करीब 2.1 लाख करोड़ रुपए बाहर निकाल लिए.
तो क्या इस साल भी बाजार दौड़ लगाएंगे?
वित्त वर्ष 2023 की भी शुरुआत एक चुनौतीपूर्ण माहौल में हो रही है. एक तरफ रूस और यूक्रेन के बीच जंग, कच्चे तेल में उबाल, कमोडिटी की कीमतों मे तेजी तो दूसरी तरफ कमजोर रुपया और ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावना है. इन कारणों से अगली तिमाहियों में कंपनियों के मुनाफे पर दबाव बढ़ेगा. इसी तरह कीमतें अगर एक सीमा से ज्यादा बढ़ीं, तो मांग पर भारत में कितने शेयर मार्केट के बाजार हैं? चोट पहुंचेगी और इससे पूरे ग्रोथ पर जोखिम बढ़ेगा. इक्रा ने अपने अनुमान में कहा है कि रूस-यूक्रेन के बीच जारी जंग के बीच बढ़ती ईंधन और कमोडिटी की कीमतों से घरेलू मांग प्रभावित हो सकती है. अब समझिए Emkay के विशेषज्ञ बाजार में कौन से आंकड़े पढ़ रहे हैं. क्योंकि आपके मन में भी ये सवाल उठेगा कि सुस्त होती अर्थव्यवस्था में आखिर बाजार किस तरह से तेजी हासिल कर सकता है.
असल में निफ्टी के कुल प्रॉफिट का 70 फीसद हिस्सा चार बड़े सेक्टर्स से आता है- बैंक, तेल एवं गैस, आईटी सर्विसेज और मेटल/माइनिंग. बैंकों भारत में कितने शेयर मार्केट के बाजार हैं? के अलावा अन्य तीन सेक्टर की कमाई में बढ़त की संभावना है, क्योंकि कमोडिटी की कीमतें बढ़ रही हैं और रुपया कमजोर हो रहा है. ये सेक्टर्स निर्यात आधारित हैं.
ब्रोकरेज हाउस Emkay ग्लोबल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि वित्त वर्ष 2022 में निफ्टी 50 का PAT यानी कर बाद मुनाफा 1 लाख 80 हजार 200 करोड़ रुपए बढ़कर 6 लाख 04 हजार 800 करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है. इस बढ़त का नेतृत्व टाटा स्टील, JSW स्टील, रिलायंस इंडस्ट्रीज, ONGC, SBI और एयरटेल जैसी कंपनियां करेंगी. Nifty-50 के PAT बढ़त में दो-तिहाई योगदान इन कंपनियों का ही होगा. इसी हिसाब से देखें तो वित्त वर्ष 2023 में Nifty-50 का PAT 1 लाख 24 हजार 600 करोड़ रुपए की बढ़त के साथ 7 लाख 29 हजार 400 करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है.
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के वाइस प्रेसिडेंट और रिटेल रिसर्च हेड सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि FPI की बिकवाली की रफ्तार घटी है. इसके अलावा हायर बेस पर भारत में कितने शेयर मार्केट के बाजार हैं? ग्रोथ की रफ्तार भी सुस्त पड़ी है. FMCG, IT जैसे सेक्टर्स में वैल्यू आधारित खरीदारी के अवसर हासिल होंगे. इन सेक्टर ने लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है. हाल में आक्रामक बिकवाली देखने के बाद अब बैंकिंग सेक्टर में भी खरीदारी देखी जा सकती है. इन सबकी वजह से FPI का रुख पॉजिटिव होगा, लेकिन वे कितने आक्रामक खरीदार रहते हैं, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि जंग, कमोडिटी कीमतों और कमाई के मामले में हालात किस तरह से बदलते हैं.
Stock Market: बाजार में बिकवाली, सेंसेक्स 413 अंक टूटकर बंद, निफ्टी 17877 पर, TECHM-INFY टॉप लूजर्स
Stock Market: सेंसेक्स में 413 अंकों की गिरावट रही है और यह 59934 के लेवल पर बंद हुआ है. जबकि निफ्टी 126 अंक कमजोर होकर 17,877 के लेवल पर बंद हुआ है.
Stock Market Today: घरेलू शेयर बाजार में शुरुआती तेजी दोपहर होते होते गिरावट में बदल गई.
Stock Market Update Today: घरेलू शेयर बाजार में शुरुआती तेजी दोपहर होते होते गिरावट में बदल गई. कारोबार के अंत में बाजार बड़ी गिरावट पर बंद हुए. सेंसेक्स में 400 अंकों से ज्यादा गिरावट रही है, जबकि निफ्टी भी 17900 के नीचे आ गया है. हालांकि आज सुबह कारोबार की शुरुआत चौतरफा तेजी के साथ हुई थी, जिसमें बैंक, फाइनेंशियल और ऑटो शेयरों में खरीदारी नजर आ रही थी. फिलहाल सेंसेक्स में 413 अंकों की गिरावट रही है और यह 59934 के लेवल पर बंद हुआ है. जबकि निफ्टी 126 अंक कमजोर होकर 17,877 के लेवल पर बंद हुआ है.
आज के कारोबार में ऑटो को छोड़कर सभी प्रमुख सेक्टर में बिकवाली रही है. आईटी इंडेक्स निफ्टी पर 1.5 फीसदी टूट गया है. रियल्टी इंडेक्स और फार्मा इंडेक्स में भी 1.5 फीसदी गिरावट रही है. बैंक और फाइनेंशियल शेयरों में भी बिकवाली है. हैवीवेट शेयरों में बिकवाली भारत में कितने शेयर मार्केट के बाजार हैं? देखने को मिली है. सेंसेक्स 30 के 23 शेयर लाल निशान में बंद हुए हैं. आज के टॉप लूजर्स में TECHM, INFY, TATASTEEL, BAJAJFINSV, INDUSINDBK, AXISBANK, TITAN शामिल हैं.
Sula Vineyards ने तय किया अपने IPO का प्राइस बैंड, 12 दिसंबर को खुलेगा इश्यू, कंपनी से जुड़ी तमाम डिटेल
Stock Market Live: शेयर बाजार की हर खबर का अपडेट
घरेलू शेयर बाजार में शुरुआती तेजी दोपहर होते होते गिरावट में बदल गई. सेंसेक्स और निफ्टी दोनों नीचे चल रहे हैं. सेंसेक्स में 350 अंकों से ज्यादा गिरावट है, जबकि निफ्टी भी 18000 के नीचे आ गया है.
बुलेट मोटरसाइकिल बनाने वाली कंपनी रॉयल एनफील्ड की पैरेंट कंपनी आयशर मोटर्स (Eicher Motors) के शेयरों में तेजी बनी हुई है. आज 15 सिंतबर यानी गुरूवार को Eicher Motors का शेयर नए रिकॉर्ड हाई 3669 रुपये पर पहुंच गया है. इसी के साथ कंपनी बीएसई पर लिस्टेड उन कंपनियों के क्लब में शामिल हो गई है, जिनका मार्केट कैप 1 लाख करोड़ है.
फिच रेटिंग्स ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के आर्थिक विकास के पूर्वानुमान को 7.8 फीसदी के पिछले अनुमान से घटाकर 7 फीसदी कर दिया. फिच ने कहा कि अगले वित्त वर्ष में भी विकास दर 7.4 फीसदी के पहले के अनुमान के मुकाबले अब 6.7 फीसदी तक रहने की संभावना है.
साउथ इंडिया बेस्ड 100 साल पुराने बैंक तमिलनाड मर्केंटाइल बैंक के शेयरों की आज स्टॉक मार्केट में कमजोर लिस्टिंग हुई है. IPO के तहत अपर प्राइस बैंड 525 रुपये था, जबकि बीएसई पर यह 510 रुपये पर लिस्ट हुआ है. यानी लिस्टिंग 15 रुपये के डिस्काउंट के साथ हुई.
इस साल 139 डॉलर का भाव छूने के बाद फिलहाल क्रूड में अच्छी खासी गिरावट आ चुकी है. लेकिन दूसरी ओर देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें स्टेबल बनी हुई हैं. तेल कंपनियों ने 15 सितंबर को भी कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया है. दिल्ली में 1 लीटर पेट्रोल की कीमत 96.72 रुपये है, जबकि 1 लीटर डीजल का भाव 89.62 रुपये है.
प्रमोटर्स लक्ष्मी देवी अग्रवाल, सुमन अग्रवाल, रितु अग्रवाल, ललिता अग्रवाल, संगीता अग्रवाल, किरण अग्रवाल और मनीष गुप्ता 15-16 सितंबर को ऑफर फॉर सेल के जरिए कंपनी में 57,04,652 इक्विटी शेयर या 5.9 फीसदी हिस्सेदारी बेचेंगे. इसके अलावा, उनका इरादा ओवरसब्सक्रिप्शन विकल्प में अतिरिक्त 8,70,202 शेयर बेचने का भी है. फ्लोर प्राइस 1,260 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है.
Vedanta वाणिज्यिक कोयला खदानों की नीलामी के दूसरे दिन ओडिशा में दो कोयला खदानों के लिए सबसे अधिक बोली लगाई है. सरकार ने मंगलवार और बुधवार को वाणिज्यिक कोयला खदान नीलामी के तहत 10 कोयला खदानों की बिक्री की.
कंपनी को विंड-सौर हाइब्रिड पावर प्रोजेक्ट के तहत 4.20 मेगावाट (4.20 मेगावाट पवन टरबाइन और 3 मेगावाट डीसी सौर सहित) का नया ऑर्डर मिला है.
कंपनी ने कहा कि 90 एकड़ की ग्रीनफील्ड परियोजना (यूनिट IV) का चरण 1 पूरा हो चुका है. डाइ-मिथाइल कार्बोनेट, प्रोपलीन कार्बोनेट और प्रोपलीन ग्लाइकोल संयंत्र सितंबर 2022 के अंत तक वाणिज्यिक उत्पादन शुरू करने के लिए तैयार हो जाएगा. इसके अलावा, इसने 2 संयंत्रों के लिए ग्रीनफील्ड परियोजना (यूनिट IV) के चरण 2 में निर्माण भी शुरू कर दिया है.
स्टील कंपनी ने कहा कि निदेशक मंडल ने दो सीरीज में 2,000 करोड़ रुपये तक के नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर जारी करके फंड जुटाने को मंजूरी दे दी है. एक सीरीज में वे 500 करोड़ रुपये और दूसरी सीरीज में एनसीडी के जरिए 1,500 करोड़ रुपये जुटाएंगे.
टाटा ग्रुप की कंपनी Tata Power ने कहा कि उसने टाटा मोटर्स के पुणे संयंत्र में 4 मेगावाट की सौर परियोजना विकसित करने के लिए एक समझौता किया है. टाटा मोटर्स और टाटा पावर ने Tata Motors की पुणे वाणिज्यिक वाहन निर्माण सुविधा में 4-MWp ऑन-साइट सौर परियोजना विकसित करने के लिए एक बिजली खरीद समझौता (PPA) किया है.
साउथ बेस्ड 100 साल पुराना निजी बैंक 15 सितंबर को शेयर बाजार में एंट्री करेगा. आईपीओ के तहत अपर प्राइस बैंड 525 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है.
ब्रेंट क्रूड में नरमी बनी हुई है. इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड 94 डॉलर प्रति बैरल पर ट्रेड कर रहा है. वहीं अमेरिकी क्रूड 88 डॉलर प्रति बैरल पर ट्रेड कर रहा है. यूएस में 10 साल की बॉन्ड यील्ड 3.42 फीसदी पर है.
आज के कारोबार में प्रमुख एशियाई बाजारों में खरीदारी देखने को मिल रही है. SGX Nifty में 0.29 फीसदी तेजी है और यह निक्केई 225 में 0.46 फीसदी की बढ़त देखने को मिल रही है. स्ट्रेट टाइम्स में 0.50 फीसदी और हैंगसेंग में 0.39 फीसदी की बढ़त देखने को मिल रही है. ताइवान वेटेड में 0.35 फीसदी बढ़त है, जबकि कोस्पी में 0.25 फीसदी बढ़त है. शंघाई कंपोजिट में 0.39 फीसदी की गिरावट है.
बुधवार को अमेरिकी बाजार भी मजबूत भारत में कितने शेयर मार्केट के बाजार हैं? होकर बंद हुए. बुधवार को Nasdaq में 0.74 फीसदी की तेजी रही और यह 11,719.68 के लेवल पर बंद हुआ. S&P 500 इंडेक्स में 0.34 फीसदी तेजी रही और यह 3,946.01 के लेवल पर बंद हुआ. वहीं Dow Jones में 30 अंकों की मजबूती रही और यह 31,135.09 के लेवल पर बंद हुआ.
कैसे हुआ Share Market का 'जन्म'? यहां पढ़िए पूरी कहानी
डीएनए हिंदी: सोमवार से शुक्रवार के बीच सुबह के जैसे ही 9:15 बजते हैं सभी शेयरधारक स्क्रीन के सामने नजरें गड़ाकर बैठ जाते हैं लेकिन क्या आपको यह पता है कि इस मार्केट का जन्म हमारे देश को आजादी मिलने के 107 साल पहले ही हो गई थी. हालांकि उस समय किसी भी तरह की टेक्नोलॉजी (Technology) का विकास नहीं हुआ था तो ट्रेडिंग का तरीका थोड़ा ज्यादा अलग था. चलिए जानते हैं कैसे शुरू हुआ यह मार्केट जिसने अब तक करोड़ों लोगों की किस्मत बदल डाली.
शेयर बाजार के जन्म की कहानी
साल था 1840 का, मुंबई के टाउनहाल के पास बरगद के पेड़ के नीचे 22 लोगों ने एक साथ मिलकर शेयर बाजार की शुरुआत की और शेयरों का सौदा करना भारत में कितने शेयर मार्केट के बाजार हैं? शुरू किया. कुछ सालों बाद किसी वजह से ये दलाल महात्मा गांधी रोड (Mahatma Gandhi Road) पर बरगद के पेड़ के नीचे जुटने लगे धीरे-धीरे दलालों की संख्या बढ़ती चली गई.
शेयर भारत में कितने शेयर मार्केट के बाजार हैं? बाजार की स्थापना कैसे हुई?
शेयर बाजार की स्थापना के बारे में जानने से पहले यह जानना बेहद जरूरी है कि यह एशिया का सबसे पुराना एक्सचेंज है. इसे बसाने का श्रेय चार गुजराती और एक पारसी शेयर ब्रोकर्स को जाता है. 1840 में ये सभी ब्रोकर्स बरगद के पेड़ के नीचे बैठक किया करते थे. देखते ही देखते इनकी संख्या में बढ़ोतरी होती चली गई. 1875 में इन सभी ने मिलकर अपना नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन (Native Share and Stock Brokers Association) बना लिया जहां ब्रोकर्स 1 रुपये की एंट्री फीस के साथ शामिल होना शुरू किए. जिसके बाद सभी ने मिलकर दलाल स्ट्रीट पर अपना एक ऑफिस खोला.
आजादी के बाद बदली कहानी
आज़ादी के बाद देश संभलने की कोशिश में लगा हुआ था वहीं 10 साल बाद साल 31 अगस्त 1957 को बीएसई (BSE) को सरकार ने सिक्योरिटी एक्ट के तहत लाया. जिसके बाद 1980 में BSE को दलाल स्ट्रीट पर शिफ्ट किया गया. 1986 में एक्सचेंज में एसएनपी (SNP), बीएसई (BSE) और सेंसेक्स (SENSEX) जैसे इंडेक्स बनाए गए.
साल 1980 तक BSE बहुत ही कम पारदर्शिता के साथ काम कर रहा था.इस दश के अंत तक नई आर्थिक बल, आर्थिक ग्रोथ के लिए एक आधुनिक वित्तिय सिस्टम की जरूरत पड़ी. मार्केट वैल्यू का डिरेगुलेशन किया गया और अर्थव्यवस्था को सर्विस ओरिएंटेड कर दिया गया. जिसके बाद भारत सरकार ने भारत में कितने शेयर मार्केट के बाजार हैं? सेबी (SEBI) की स्थापना की.
BSE क्यों क्रैश हुआ?
हर्षद मेहता का नाम अब तक लगभग हर भारतीय जान चुका होगा. साल 1992 में हर्षद मेहता स्कैम की वजह से BSE क्रैश हो भारत में कितने शेयर मार्केट के बाजार हैं? गया. जिसके बाद एक और स्टॉक एक्सचेंज की नींव रखी गई और यह स्टॉक एक्सचेंज था नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE). देखते ही देखते NSE कुछ ही दिनों में भारत का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज बन गया.
बीएसई (BSE), एनएसई (NSE) क्या है
जब कभी हम शेयर मार्केट की बात करते है, तो उसमें एनएसई और बीएसई का नाम अवश्य शामिल होता है, क्योंकि भारत का शेयर बाजार एनएसई और बीएसई के ऊपर निर्भर करता है | यदि हम एनएसई और बीएसई की बात करे, तो यह दोनों ही भारत के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज है |
एनएसई और बीएसई यह दोनों एक दूसरे से काफी अलग है, परन्तु इनमें कुछ समानताएं भी हैं | हमारे देश की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में इन दोनों स्टॉक एक्सचेंज की अहम् भूमिका है | बीएसई (BSE), एनएसई (NSE) क्या है, फुल फॉर्म और NSE और BSE अंतर के बारें में आपको यहाँ पूरी जानकरी विधिवत रूप से दे रहे है |
बीएसई और एनएसई का फुल फार्म (BSE & NSE Full form)
Table of Contents
बीएसई (BSE) का फुल फार्म “बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज’ (Bombay Stock Exchange)” है | यह भारत का ही नहीं बल्कि एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है | एनएसई (NSE) का फुल फार्म नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (National Stock Exchange) है | भारत में एनएसई की स्थापना वर्ष 1992 में इलेक्ट्रॉनिक एक्सचेंज सिस्टम के रूप में हुई थी |
BSE Full Form In English | Bombay Stock Exchange |
NSE Full Form In English | National Stock Exchange |
बीएसई क्या है (What Is BSE)
बीएसई (BSE) की स्थापना वर्ष 1857 में प्रेमचंद रॉयचंद ने देशी शेयर और स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन के रूप में की थी और अब इसका प्रबंधन सेठूरामन रवि द्वारा किया जा रहा है। वर्ष 1957 के बाद भारत सरकार नें सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट रेगुलेशन एक्ट, 1956 के अंतर्गत इसे भारत के प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज के रूप में मान्यता प्रदान की थी।
वर्ष 1995 में बीएसई की ऑनलाइन ट्रेडिंग शुरू हुई, उस समय इसकी क्षमता एक दिन में 8 मिलियन ट्रांजेक्शन थी। ‘बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को एशिया के पहले स्टॉक एक्सचेंज’ के रूप में जाना जाता है और यह सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड (CDSL), मार्केट डेटा सर्विस, डिपॉजिटरी सर्विसेज और रिस्क मैनेजमेंट आदि सेवाएँ प्रदान करता है। बीएसई दुनिया का 12वा बड़ा स्टॉक एक्सचेंज मार्केटप्लेस है है, और जुलाई 2017 तक, इसका मार्केट कैपिटलाइज़ेशन 2 बिलियन डालर से अधिक है |
एनएसई क्या है (What Is NSE)
एनएसई (NSE) अर्थात नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना वर्ष 1992 में हुई थी और इसका मुख्यालय मुंबई में स्थित है | एनएसई को वर्ष 1992 में सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट्स एक्ट 1956 के तहत कर भुगतान कंपनी के रूप में स्थापित किया गया था, परन्तु इसका संचालन 1994 में शुरू हुआ था | एनएसई भारत में व्यापार के लिए स्क्रीन-आधारित प्रणाली की पेशकश करने वाला पहला स्टॉक एक्सचेंज था।
शुरूआत में एनएसई को भारतीय बाजार प्रणाली में पारदर्शिता के लिए एक उद्देश्य के साथ स्थापित किया गया था, और अपने लक्ष्य को प्राप्त करनें में सफलता प्राप्त की है। एनएसई सरकार की सहायता से सफलतापूर्वक ट्रेडिंग जैसी सेवाएं प्रदान करता है, जिसमें क्लीयरिंग के साथ-साथ ऋण और इक्विटी में समझौता और घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय निवेशक शामिल हैं।
वर्तमान में इस एक्सचेंज में लगभग 1700 कंपनियां सूचीबद्ध हैं, जिनमें से लगभग 1370 सक्रिय हैं। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज 10वां सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज मार्केटप्लेस है, और मार्च 2017 तक इसका मार्केट कैपिटलाइजेशन 1.41 ट्रिलियन डालर से अधिक हो गया था |
बीएसई और एनएसई में अंतर (Difference Between BSE & NSE)
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज दोनों इंडियन कैपिटल मार्केट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जिसमें प्रतिदिन हजारों ब्रोकर और निवेशक इन स्टॉक एक्सचेंजों पर व्यापार करते हैं और दोनों मुंबई, महाराष्ट्र, और सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) में स्थापित हैं। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में मुख्य अंतर इस प्रकार है-
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 198