सिक्कों वाला पेड़
ब्रिटेन की पीक डिस्ट्रिक्ट में लगा है एक विचित्र पेड़। इस पेड़ पर लगे हैं दुनिया भर के सिक्के। करीब 1700 साल पुराने इस पेड़ पर उगे नहीं, बल्कि जड़े गए हैं सिक्के। इस पेड़ को देखने दूसरे देशों से भी लोग.
ब्रिटेन की पीक डिस्ट्रिक्ट में लगा है एक विचित्र पेड़। इस पेड़ पर लगे हैं दुनिया भर के सिक्के। करीब 1700 साल पुराने इस पेड़ पर उगे नहीं, बल्कि जड़े गए हैं सिक्के। इस पेड़ को देखने दूसरे देशों से भी लोग आते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस पेड़ पर कोई भी सिक्का गाड़ता है, तो उसके मन की बात पूरी हो जाती है। यही कारण है कि केवल ब्रिटेन के सिक्के ही नहीं, बल्कि दुनिया भर के सिक्के इस पेड़ पर जड़े हुए हैं। भले ही इन सिक्कों को देखकर इन्हें उखाड़कर जेब भरने की बात मन में आए, परंतु फिर भी लोग इस पेड़ पर अपनी जेब से निकालकर सिक्का जड़कर जाते हैं, क्योंकि हर किसी के मन में कोई न कोई बात पूरी करने की इच्छा होती ही है।
हर वक्त के निजाम के गवाह हैं सिक्के
Kanpur: मुगल शहंशाह शाहजहां के गद्दीनशीन होने की पहली वर्षगांठ को यादगार बनाने के लिए खालिस सोने का एक सिक्का जारी किया गया था. आगरा से जारी इस सिक्के पर शहर का नाम ‘अकबराबाद’ अंकित है. इस वाक्ये को 350 साल से ज्यादा बीत चुके हैं. पर वो खास सिक्के आज भी कुछ लोगों के पास सुरक्षित हैं. एक्साइटिंग बात ये है कि ये सिक्का थर्सडे को कानपुराइट्स को खरीदने और देखने के लिए अवेलेबिल होगा. केवल ये ‘नजराना सिक्का’ ही नहीं, बल्कि मुगलकाल से लेकर मौर्यकाल तक के प्रसिद्ध मोहरों और सिक्कों के अलावा कई प्रकार के दुलर्भ करंसी नोट और मैडल भी एक खुली नीलामी में पब्लिक को उपलब्ध होंगे. शहर के अनाइचाज रेस्टोरेंट में आयोजित की जा रही ये दो दिवसीय आक्शन और एग्जिबिशन प्रदेश में अपनी तरह की पहली है.
कीमत है सात से नौ लाख रुपए
ऑक्शन आयोजित कर रहे आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) के ऑथराइज्ड ‘टोडीवाला ऑक्शन’ फर्म के मैलकॉम टोडीवाला के अनुसार मुगल शहंशाह का नजराना सिक्के की बेसिक कीमत 7 लाख रुपए है, जो नीलामी में 9 लाख रुपए तक जाने की पूरी उम्मीद है। ये मुगलकाल के बाकी सिक्कों की तरह प्योर 24 कैरेट गोल्ड का है। टोडीवाला ऑक्शंस यूपी में पहली बार इस तरह के ऑक्शन को आयोजित कर रहे हैं जिसमें करीब दो हजार साल पुराने से लेकर 60 के दशक तक के क्वाइंस और नोट देखने को मिलेंगे।
15 सौ से सात लाख तक
वैसे तो इस ऑक्शन में 15 सौ रुपये तक की कीमत वाले सिक्के भी नीलाम किये जाएंगे, जिनकी कीमत बोली के आधार पर बढ़ती जाएगी। कुछ सिक्के किसानों के पास से मिले तो महाराष्ट्र के एक छोटे से गांव से हमें शाहजहां वाला सिक्का मिला है।
सोलह आने नहीं, 16 रुपए सच
क्या आप ने बैंक ऑफ हिंदुस्तान का नाम सुना है? सच मानिए, डेढ़ सौ साल से भी पहले ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा कैलकटा में स्थापित इस बैंक द्वारा जारी 16 रुपए का नोट आज के 16 रुपए से हजार गुना ज्यादा वैल्यूएबल है। ब्रिटिश पीरियड के बाद तक इस 16 के नोट के बदले आप कहीं से भी एक सोने की मोहर या फिर चांदी के 16 रुपए ले सकते थे। ये दुलर्भ नोट भी ऑक्शन में उपलब्ध होगा।
डिमांड के हिसाब से होते हैं रेट
टोडीवाला कहते हैं कि लोगों में ये बड़ा मिसकंसेप्शन है कि सिक्के जितने पुराने होंगे, उतने ही महंगे भी होंगे। असल में पुराने सिक्के भी आम इकोनॉमी की तर्ज पर चलते हैं। जिस सिक्के की डिमांड जितनी ज्यादा होगी, वो उतना ही महंगा होगा। और डिमांड कई विचित्र कारणों पर डिपेंड करती है। जैसे कि कौन सा सिक्का किस ओकेजन पर जारी किया गया था। या फिर किस प्राचीन सिक्के पर कौन सा चित्र बना है। जहां केवल 360 वर्ष पुराना शाहजहां का सिक्का 7 से 9 लाख रुपए का है, वहीं दो हजार साल पुराना साधारण मौर्य कालीन सिक्का मात्र 3 हजार रुपए कौन सा सिक्का चुनना है? में बेचेंगे।
अगर आपके पास हैं एंटीक सिक्के
टोडीवाला के अनुसार कानून ये है कि कोई सिक्के या एंटीक अगर आपके कानूनी पजेशन वाले घर, बिल्डिंग या जमीन से निकले हैं कौन सा सिक्का चुनना है? तो वो आपका है। लेकिन अगर वो अन्यत्र खुदाई में निकलें हैं तो उनको हथियाकर बेच देना कानूनी नहीं, वो गवर्नमेंट की प्रॉपर्टी हुई।
क्वाइन कलेक्टर्स: अगर लगवानी हो सही कीमत तो
-कानूनी रूप से नीलामी करने वाले एएसआई और भारत सरकार से अधिकृत ऑक्शनियर्स से ही संपर्क करें
-इंटरनेट के माध्यम से ही अथाराइज्ड ऑक्शनियर्स, उनकी वेबसाइट्स ढूंढें। घ्यान रखें कि सीधे किसी फॉरेनर को बेचना गैर कानूनी है।
-किसी को भी पहले यूंही अपने क्वाइंस, नोट आदि नहीं सौंपे। पिक्चर्स भेजें, अपने एंटीक की पूरी जानकारी और हिस्ट्री जान लें
-सही ऑक्शनियर्स रसीद के बदले आपके क्वाइन या एंटीक को पहले ऑक्शन करके, बाद में भी पैसे दे सकते हैं।
-खरीददार या विक्रेताओं को क्वाइंस, करंसी नोट्स आदि की सहीं कौन सा सिक्का चुनना है? वैल्यू इनकी साइट्स से पता चल सकती है। अक्सर कीमत में कमीशन भी शामिल रहता है। ये गवर्नमेंट की तरफ से एलाउ है।
दीपावली पर पूजन के लिए पुराना चांदी का सिक्का खरीदने की सोच रहे हैं तो जरूर पढ़ लें ये खबर
धनतेरस पर ज्यादातर लोग दीपावली पर पूजन के लिए चांदी का सिक्का खरीदते हैं ऐसे में पुराना विक्टोरिया वाला सिक्का जांच परखकर ही खरीदें क्योंकि बाजार में बनावटी सिक्के भी हैं। इन बनावटी सिक्कों की पहचान न कर पाने से ग्राहक ठगे जाते हैं।
कानपुर, जेएनएन। इस बार धनतेरस का त्योहार दो दिन का माना गया है, गुरुवार की शाम से शुरू हुआ त्योहार दूसरे दिन शुक्रवार तक रहने की उम्मीद से दुकानदार खासा उत्साहित भी है। कौन सा सिक्का चुनना है? धनतेरस पर ज्यादातर लोग दीपावली पर पूजन के लिए चांदी का पुराना विक्टोरिया अंकित सिक्का खरीदने की चाहत रखते हैं लेकिन उन्हें असली और बनावटी की पहचान नहीं हो पाती है। इसके चलते वे अक्सर बनावटी सिक्का खरीदकर फंस जाते हैं। पुराना विक्टोरिया वाला सिक्के की अधिक मांग रहती है, ऐसे में दुकानदार भी मुंहमांगे दाम वसूलते हैं। इसलिए सिक्का खरीदने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखेंगे तो बनावटी सिक्का खरीदने से बच सकते हैं।
कानपुर देहात के रूरा में सराफा कारोबारी सुशील स्वर्णकार बताते हैं कि मार्का 49 के सिक्के अच्छे होते हैं और शुद्धता की भी गारंटी रहती है। पुराने सिक्के को उछाल कर देखें, असली सिक्का गिरने पर ठक की आवाज करेगा और ठोस होने का अहसास कराएगा। इसी तरह बनावटी चांदी का सिक्का छन जैसी आवाज करेगा। पुराने कौन सा सिक्का चुनना है? की सिक्कों की मांग अधिक होती है लेकिन ऐसे में जांच परख कर खरीदना ही बुद्धिमानी है। वह बताते हैं कि असली सिक्के की पहचान के लिए किनारों को जरूर देखें। क्योंकि असली सिक्कों के किनारे घिसे हुए और धारीदार होंगे, जबकि बनावटी सिक्कों के किनारे घिसे हुए नहीं होंगे।
नगर के प्रमुख सराफा व्यापारी श्यामजी गुप्ता बताते हैं कि धनतेरस पर चांदी के सिक्के की सर्वाधिक मांग रहती है, ऐसे में बाजार में बनावटी सिक्के ग्राहकों को थमा दिए जाते है। त्योहार की भीड़ में सही सिक्के की पहचान आम तौर पर ग्राहक नहीं कर पाते हैं। इसलिए ग्राहकों को प्रतिष्ठित दुकान से खरीदारी करनी चाहिये। इस बार पुराना विक्टोरिया व किंग जार्ज के सिक्के के अलावा फाइन सिक्का भी अच्छी किस्म के है। पुराने सिक्कों की मांग ज्यादा होने के कारण बाजार में हमशक्ल बनावटी सिक्के भी हैं। बनावटी सिक्कों में आकृति उभरकर नहीं आती, इसके अलावा सबसे ज्यादा सिक्के के किनारे धारी या घुंडी की लाइन नाम मात्र की मिले तो समझो बनावटी है।
एक छोटा—सा सिक्का आपको बना सकता है लखपति, जानें कैसे?कौन सा सिक्का चुनना है?
नई दिल्ली। अगर आप रातों—रात अमीर बनना चाहते हैं तो विंटेज सिक्कों का कलेक्शन बनाना शुरू कर दें। क्योंकि ये आपको पलक झपकते ही लखपति बना सकता है। दरअसल विंटेज सिक्कों की इन्डस्ट्री में बहुत मांग है। खासतौर पर विदेश में ये बहुत अच्छी कीमतों पर बिकते हैं। इसे आप आॅनलाइन वेबसाइट्स पर नीलाम भी कर सकते हैं।
सिक्कों वाला पेड़
ब्रिटेन की पीक डिस्ट्रिक्ट में लगा है एक विचित्र पेड़। इस पेड़ पर लगे हैं कौन सा सिक्का चुनना है? दुनिया भर के सिक्के। करीब 1700 साल पुराने इस पेड़ पर उगे नहीं, बल्कि कौन सा सिक्का चुनना है? जड़े गए हैं सिक्के। इस पेड़ को देखने दूसरे देशों से भी लोग.
ब्रिटेन कौन सा सिक्का चुनना है? की पीक डिस्ट्रिक्ट में लगा है एक विचित्र पेड़। इस पेड़ पर लगे हैं दुनिया भर के सिक्के। करीब 1700 साल पुराने इस पेड़ पर उगे नहीं, बल्कि जड़े गए हैं सिक्के। इस पेड़ को देखने दूसरे देशों से भी लोग आते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस पेड़ पर कोई भी सिक्का गाड़ता है, तो उसके कौन सा सिक्का चुनना है? मन की बात पूरी हो जाती है। यही कारण है कि केवल ब्रिटेन के सिक्के कौन सा सिक्का चुनना है? ही नहीं, बल्कि दुनिया भर के सिक्के इस पेड़ पर जड़े हुए हैं। भले ही इन सिक्कों को देखकर इन्हें उखाड़कर जेब भरने की बात मन में आए, परंतु फिर भी लोग इस पेड़ पर अपनी जेब से निकालकर सिक्का जड़कर जाते हैं, क्योंकि हर किसी के मन में कोई न कोई बात पूरी करने की इच्छा होती ही है।
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