निवेश करते वक्त टैक्स के पहलू का भी रखें ध्यान
Anthony Heredia ने कहा कि ज्यादा उम्र वाले निवेशकों को हमेशा अपने पोर्टफोलियो में फिक्स्ड रिटर्न इनवेस्टमेंट को जगह देनी चाहिए. अगर कोई इनवेस्टर्स रिटायरमेंट के करीब है तो उसे अपना कम से कम 50 फीसदी पैसा फिक्स्ड इंस्ट्रूमेंट में रखना चाहिए. इनवेस्टर्स को निवेश करते वक्त टैक्स के पहलू को भी ध्यान में रखने की जरूरत है. इसकी वजह यह है कि इंस्ट्रूमेंट के रिटर्न पर टैक्स का सीधा असर पड़ता है.
आईपीओ में निवेश करते समय ध्यान में रखने के लिए 5 प्रमुख फैक्टर
2020 में लॉन्च किए गए 15 मेनलाइन आईपीओ में से 14 स्टॉक अभी अपने इश्यू प्राइस से ऊपर ट्रेड कर रहे हैं। कई मामलों में, रिटर्न 200% से अधिक है और कुछ में 400% भी है। 11 शेयरों ने अपने लिस्टिंग के दिन से लाभ देना शुरू कर दिया और 6 स्टॉक ने पहले दिन 70% से अधिक का रिटर्न दिया।
हालांकि, आईपीओ निवेश कोई आसान नहीं हैं। ऐसे कई फेक्टर हैं, जिन पर आपको यह सुनिश्चित करने के लिए विचार करना चाहिए कि आपका आईपीओ नुकसानदायक निवेश करते वक्त इन सबका हमेशा ध्यान रखें होने देने के बजाय लाभदायक है। आईपीओ में निवेश करने के दौरान ध्यान में रखने के 5 प्रमुख फ़ैक्टरों के बारे में बता रहें हैं एंजल ब्रोकिंग लिमिटेड के इक्विटी स्ट्रैटेजिस्ट-डीवीपी ज्योति रॉय।
1. विस्तृत रिसर्च करें: आईपीओ तब जारी होता है जब कोई कंपनी पहली बार एक्सचेंज में सूचीबद्ध किया जा रहा है। लिस्टिंग के बाद जरूर कंपनियों को तिमाही आधार पर अपने प्रमुख वित्तीय आंकड़ों की रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होती है। हालांकि, कंपनी के ‘सार्वजनिक होने’ से पहले की जानकारी आसानी से उपलब्ध नहीं होती है। कंपनी के सभी प्रासंगिक आंकड़े वास्तव में डीआरएचपी या ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस में होते हैं। बस ध्यान रखें कि इस तरह के ड्राफ्ट कंपनियां खुद ही फंड जुटाने के उद्देश्य से बनाती हैं। यह ड्राफ्ट निष्पक्ष बाजार इकाई की ओर से तैयार नहीं किया गया है।
संपत्ति की वृद्धि के लिए 9% का रिटर्न जरूरी
यदि अपनी संपत्ति में बढ़ोतरी करनी है तो रिटर्न 9% से ज्यादा रखना जरूरी है। महंगाई की औसत दर यदि 6.3% मानी जाए तो किसी भी निवेश से कम से कम 9% का रिटर्न मिलना चाहिए। ऐसा करने से संपत्ति बढ़ेगी अन्यथा धन के कम होने की संभावना होगी। इसलिए ऐसे विकल्प चुनें जो कम से कम 9% वार्षिक रिटर्न देते हों।
निवेश पर हमेशा ध्यान बनाए रखना बहुत जरूरी होता है। लेकिन निवेशक को हमेशा ऐसा करना संभव नहीं होता। यदि निवेश का सही फायदा उठाना चाहते हैं तो या तो आप स्वयं एक प्रोफेशनल निवेशक बनें या फिर किसी प्रोफेशनल सलाहकार की सहायता जरूर लें।
बाजार के उतार-चढ़ाव से डरकर फैसला न लें
शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव एक आम बात होती है। यदि महामंदी का समय छोड़ दिया जाए तो बाकी समय गिरावट का बाजार ज्यादा से ज्यादा छह महीने तक ही चलता है। इसके बाद बाजार की स्थितियाँ बदलती हैं। ऐसे समय में निवेशक अक्सर बाजार से बाहर चले जाते हैं। यदि निवेशक घबराकर फैसला न लें तो परिस्थितियाँ बदलने पर उनके निवेश से भी फायदा हो सकता है।
निवेश करने के लिए कोई एक उम्र तय नहीं है। गौरतलब है कि वारेन बफे ने 15 साल की उम्र में निवेश करना प्रारंभ किया था। अब जब कि उनकी उम्र 92 साल है तब उनकी संपत्ति 8 लाख करोड़ के बराबर है। यदि वे आम चलन के हिसाब से 60 साल में ही रिटायर हो जाते तो वर्तमान संपत्ति का 0.001% भी उनके पास नहीं होता। इसलिए हमेशा निवेश करें।
संपत्ति बढ़ाने के लिए बचत से बेहतर विकल्प है, निवेश
पारंपरिक तौर पर बचत संपत्ति बढ़ाने का तरीका माना जाता है। लेकिन महंगाई की बढ़ती हुई दर को देखते हुए हमारी बचत का मूल्य शून्य भी हो सकता है, जबकि निवेश पर मिलनेवाला रिटर्न या फायदा हमारी संपत्ति को हमेशा बढ़ाता है।
Equity: सबकी चाहत होती है कि अपनी संपत्ति को दिन दूना रात चौगुना बढ़ाया जाए, लेकिन असल जिंदगी में यह उतना आसान नहीं होता। इस लेख के जरिये कुछ ऐसे सुझाव दिए जा रहे हैं जिससे संपत्ति कई गुना बढ़ाई जा सकती है। इक्विटी या शेयर बाजार में निवेश, निवेश के जरिए संपत्ति बढ़ाने का एक ऐसा ही कारगर उपाय है। देखा गया है कि इक्विटी में निवेश से पाँच सालों में 11% तक, और 10 सालों में 17% तक का रिटर्न मिला है। इतना ही नहीं, लंबी अवधि के निवेशों ने भी 10% से ऊपर का ही रिटर्न दिया है, जैसे 15 वर्षों के निवेश से 13.6% रिटर्न मिला है तो 20 सालों के निवेश से 12.9% रिटर्न मिला है। यदि आप भी इसी तरह अपनी संपत्ति को 10 गुना से ज्यादा बढ़ाना चाहते हैं तो इक्विटी निवेश बहुत अच्छा विकल्प हो सकता है, बशर्ते आप कुछ बिंदुओं निवेश करते वक्त इन सबका हमेशा ध्यान रखें का जरूर ध्यान रखें। मार्केटमोजो के सीईओ मोहित बत्रा ने इस विषय में कुछ महत्त्वपूर्ण सुझाव दिए हैं।
महिंद्रा एमएफ के सीईओ बोले- निवेश में अपने भावनाओं को काबू में रखना बहुत जरूरी
- News18Hindi
- Last Updated : September 09, 2022, 19:15 IST
हाइलाइट्स
बाजार की अस्थिरता के बीच इस साल शेयर बाजार में भी काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है.
साल की शुरुआत में बीएसई सेंसेक्स 60,000 अंक पर था.
वहीं जून में यह गिरकर निवेश करते वक्त इन सबका हमेशा ध्यान रखें एक साल के निचले स्तर पर आ गया.
नई दिल्ली. बढ़ती महंगाई और बाजार की अस्थिरता के बीच इस साल शेयर बाजार में भी काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है. इसके कारण निवेशकों उलझन में हैं. वे बाजार की दिशा को लेकर अंदाजा नहीं लगा पा रहे हैं. साल की शुरुआत में बीएसई सेंसेक्स 60,000 अंक पर था. वहीं जून में यह गिरकर एक साल के निचले स्तर पर आ गया. अब फिर से यह 60,000 अंक की ओर बढ़ता दिख रहा है. ऐसे अस्थिरता के बीच निवेशक जानना चाहते हैं कि उतार-चढ़ाव के बीच कहां निवेश करना फायदेमंद होगा.
निवेशकों के ऐसे ही सवालों के जवाब जानने के लिए मनीकंट्रोल ने महिंद्रा मैन्युलाइफ म्यूचुअल फंड (Mahindra Manulife Mutual Fund) के एमडी और सीईओ एंथनी हेरेडिया (Anthony Heredia) से बातचीत की. हम उनके बातचीत का महत्वपूर्ण अंश आपसे साझा कर रहे हैं.
सरकार कई तरह की टैक्स सेविंग स्कीम चलाती है जिनमें इन्वेस्टमेंट कर टैक्स बचा सकते हैं.
भविष्य की चिंता हर किसी को होती है. अपने फ्यूचर को ध्यान में रखकर ही ज्यादातर लोग नौकरी और बचत करते हैं. हर महीने सैलरी आने तक तो जीवन की गाड़ी आराम से चलती निवेश करते वक्त इन सबका हमेशा ध्यान रखें रहती है, पर दिक्कत आती है टैक्स सेविंग के समय. ऐसे में निवेश करते वक्त इन सबका हमेशा ध्यान रखें सरकारी हो या प्राइवेट कर्मचारी, महिला हो या पुरुष, सभी को सैलरी पैकेज के साथ-साथ टैक्स सेविंग पर ध्यान देना भी बहुत जरूरी है. ऐसे में कमाई के साथ ही बचत को भी अच्छे से प्लान किया जाए ताकि बाद में किसी तरह की कोई समस्या ना हो. ऐसे में भविष्य को ध्यान में रखते हुए ऐसी कई स्कीम हैं जहां टैक्स बचाने के साथ कमाई की जा सकती है. आइए जानते हैं ऐसी ही कुछ पॉपुलर स्कीम के बारे में.
इन टैक्स सेविंग स्कीम के बारे में जानना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि बचत का ज्यादातर फायदा तभी मिलता है जब उसे वित्तीय वर्ष की शुरुआत या बजट के निवेश करते वक्त इन सबका हमेशा ध्यान रखें ठीक बाद शुरू कर दें. आम लोगों की मदद के लिए सरकार कई तरह की टैक्स सेविंग स्कीम चलाती है जिनमें पैसे जमा कर टैक्स बचा सकते हैं और फायदा उठा सकते हैं. ये स्कीम अच्छा रिटर्न भी देती हैं. इन स्कीम में ELSS, NPS और NSC शामिल हैं.
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