शेयर मार्केट का चार्ट कैसे देखते है?

Technical Analysis- 1st Post (Introduction & Basics – In Hindi)

टेक्निकल एनालिसिस पर पहली पोस्ट में आपका स्वागत है 🙂 । मेरे हिसाब से, ट्रेडिंग के लिए यह सबसे अच्छा टूल है। आज मैं आपके साथ टेक्निकल एनालिसिस के बारे में एक बुनियादी विचार साझा करुँगी। उदाहरण के लिए: – टेक्निकल एनालिसिस क्या है? आपको यह क्यों इस्तेमाल करना चाहिए? ट्रेडिंग में इसका इस्तेमाल कैसे करना चाहिए? और टेक्निकल एनालिसिस में उपयोग होने वाले चार्ट टेक्निकल एनालिसिस की मूल बातें (प्राइस, वॉल्यूम, ओपन इंटरेस्ट)। तो चलिए शुरू करें!!

टेक्निकल एनालिसिस क्या है?

यह अतीत मार्केट के डेटा, मुख्य रूप से प्राइस और वॉल्यूम के अध्ययन के द्वारा प्राइसिस की दिशा की भविष्यवाणी की विधि है।

आपको यह क्यों इस्तेमाल करना चाहिए?

आपको इसका इस्तेमाल प्राइसिस के पूर्वानुमान लगाने के लिए करना चाहिए। यह प्राइस मूवमेंट के संदर्भ में भविष्य में क्या होने जा रहा है, के बारे में एक स्पष्ट तस्वीर देता है, क्योंकि-

  • एक मार्केट के वर्तमान ट्रेंड की चलते रहने की ज़्यादा संभावना है और रिवर्स होने की कम → प्राइसिस हमेशा डायरेक्शनली मूव करते हैं, जैसे, अप, डाउन, या साइडवेज़ (फ्लैट) और कुछ कॉम्बिनेशंस।
  • इतिहास खुद को दोहराता है → अतीत में जो हुआ वह फिर से होगा क्योंकि मानव व्यवहार और साथ ही मानव साइकोलॉजी कभी नहीं बदलती।

ट्रेडिंग में इसका इस्तेमाल कैसे करें?

यह ट्रेडिंग में बहुत सी विधि लगा कर प्रयोग किया जाता है, साथ ही टूल्स और तकनीक लगाकर, जिनमे से एक टेक्निकल इंडीकेटर्स(लीडिंग और लैगिंंग), ओवेरलेज़ और कॉन्सेप्ट्स के साथ चार्ट का इस्तेमाल होता है। चार्ट के प्रयोग से हम प्राइस पैटर्न और मार्केट ट्रेंड की पहचान, टेक्निकल इंडीकेटर्स और मूविंग एवरेज के अध्ययन और कुछ संरचनाओं जैसे लाइन ऑफ़ सपोर्ट, रेजिस्टेंस, चैनल्स और अधिक अस्पष्ट संरचनाओं जैसे फ्लैग इत्यादि को देख सकते हैं और उनका फायदा उठा सकते हैं। इन इंडीकेटर्स का प्रयोग एक एसेट(शेयर) ट्रेंडिंग है या नहीं इसके आँकलन की मदद करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, और अगर ऐसा है, तो इसकी दिशा और निरंतरता की संभावना पता लगाने के लिए किया जाता टेक्निकल एनालिसिस में उपयोग होने वाले चार्ट है। हम प्राइस/वॉल्यूम इनडाईसिस और मार्केट इंडीकेटर्स के बीच संबंधों को भी देखते हैं।

टेक्निकल एनालिसिस की मूल बातें (प्राइस, वॉल्यूम और ओपन इंटरेस्ट)

प्राइस– यह किसी शेयर के लिए भुगतान की सबसे अधिक राशि, या इसे खरीदने के लिए दी जाने वाली सबसे न्यूनतम राशि है।

वॉल्यूम– वॉल्यूम एक कारोबारी दिन में ट्रेडिंग गतिविधियों और कॉन्ट्रैक्ट्स की कुल मात्रा के आदान-प्रदान को दर्शाती है। वॉल्यूम जितनी अधिक होगी उतना ही हम मौजूदा ट्रेंड के रिवर्स होने की बजाय जारी रहने की उम्मीद कर सकते हैं। वॉल्यूम हमेशा प्राइस से आगे चलती है।

ओपन इंटरेस्ट– ओपन इंटरेस्ट प्रत्येक दिन के अंत में मार्केट पार्टिसिपेंट्स द्वारा आयोजित बकाया ठेके की कुल संख्या है। यह वायदा बाजार में धन का प्रवाह मापती है। ओपन इंटरेस्ट बढ़ने का मतलब है की नया पैसा मार्केट में आ रहा है। परिणामस्वरुप जो भी वर्तमान ट्रेंड है (अप, डाउन, साइडवेज़), वह जारी रहेगा। ओपन इंटरेस्ट में गिरावट का मतलब है कि मार्केट ट्रेंड समाप्त हो रहा है, और दर्शाता है कि वर्तमान प्राइस ट्रेंड (अप, डाउन, साइडवेज़) बदलने की संभावना है या खत्म होने की संभावना है।

प्रचलित प्राइस ट्रेंड, वॉल्यूम और ओपन इंटरेस्ट के बीच के रिश्ते को निम्न तालिका द्वारा संक्षेप किया जा सकता है: –

शेयर मार्केट का चार्ट कैसे देखते है? How To Read The Chart Of Share Market?

शेयर मार्केट का चार्ट कैसे देखते है? How To Read The Chart Of टेक्निकल एनालिसिस में उपयोग होने वाले चार्ट Share Market? Chart देखने के लिए प्लेटफार्म, कैंडल को समझना, Bullish Candle, Bearish Candle, Candlestick Pattern, Major Reversal Patterns, Continuation Pattern, Moving Average

साथियों, यह प्रश्न अक्सर नए निवेशकों द्वारा पूछा जाता है जो हाल में Share Market में Entry ले ली है पर उसके बारे में मुझे ज्यादा जानकारी नहीं है की शेयर मार्केट का चार्ट कैसे देखें? उन्हें इसके बारे में पता नहीं होता है कि किस तरह से चार्ट को रीड करें और उसमें निवेश करें। अगर देखा जाए तो चार्ट को समझना बहुत ही आवश्यक है। क्योंकि चार्ट को बिना समझे निवेश करना बिना युद्ध कला के ज्ञान के किसी बड़े योद्धा से लड़ने के बराबर है। इसीलिए शेयर मार्केट में निवेश करने के लिए आप कुछ शेयर मार्केट को समझना बहुत जरूरी है। इसके बारे में बात करेंगे।

शेयर मार्केट का चार्ट कैसे देखते है? How To Read The Chart Of Share Market?

शेयर बाजार का चार्ट देखने के लिए और समझने के लिए सबसे महत्वपूर्ण यह है कि आपको एक ऐसा प्लेटफार्म चाहिए जहां पर चार्ट को अच्छे से Present किया जाए क्योंकि चार्ट को Read करने से पहले आपके पास वह चार्ट होना बहुत ही आवश्यक है। इसके बाद जब आपके पास चार्ट उपलब्ध है तो आप चार्ट के छोटे इकाई कैंडल को समझना शुरू कीजिए। जब आपको कैंडल समझ में आ जाए और यह भी समझ में आ जाए कि किस तरह से चाट बनता है तो टेक्निकल एनालिसिस का इस्तेमाल करके चार्ट को एनालाइज करना शुरू कीजिए की चार्ट किसी Specific Point से ऊपर जाएगा या फिर नीचे। इन सभी चीजों के बारे में हमने नीचे स्टेप में बताया है, जिसे आप अच्छे से पढ़ सकते हैं।

शेयर मार्केट का चार्ट कैसे देखते है?

शेयर मार्केट का चार्ट कैसे देखते है?

Chart देखने के लिए प्लेटफार्म: शेयर मार्केट का चार्ट देखने के लिए आपको सबसे पहले कोई ऐसा प्लेटफार्म चाहिए जहां पर आप चार्ट देख पाए। मैं जो प्लेटफार्म यूज करता हूं और आप सभी को भी रेकमेंड करता हूं वह है tradingview.com यहां पर आप बहुत ही अच्छे तरह से चार्ट को देख पाएंगे और एनालाइज कर पाएंगे।

कैंडल को समझना: आप यह जरूर जानते होंगे की किसी चार्ट को पढ़ने से पहले हमें कैंडल को समझना बहुत ही जरूरी है क्योंकि कैंडल चार्ट की सबसे छोटी इकाई है। छोटे-छोटे कैंडल को मिलाकर एक चार्ट का निर्माण होता है। आपको यह बता दे कि कैंडल दो तरह की होती है- 1. Bullish Candle 2. Bearish Candle

Bullish Candle: बुलिश कैंडल सामान्यतः हरी और सफेद रंग की होती है, यह तेजी को दर्शाती है, इसके चार प्रमुख भाग होते हैं Open, Close, Low & High.

Bearish Candle: बियरिश कैंडल सामान्यतः लाल और काली रंग की होती है, यह मंदी को दर्शाती है, इसके चार प्रमुख भाग होते हैं Open, Close, Low & High.

Candlestick Pattern: जब आप कैंडल के बारे में अच्छे से जान और समझ लेते है तो अब आप कैंडलस्टिक पैटर्न के बारे सीखना बहुत आवश्यक है। कैंडलस्टिक पैटर्न बहुत तरह के होते है इसका प्रयोग कर आप शेयर में सबसे पहले एंट्र, एग्जिट, स्टॉपलॉस और टारगेट का अनुमान लगा सकते है।

Major Reversal Patterns: जब आप चार्ट के बारे में बेसिक तरह से रीड करना आ जाये चार्ट अलग अलग टाइम फ्रेम में मेजर रेवेर्सल पैटर्न ढूंढ़ सकते है। इसमें प्रमुख रूप से हेड एंड शोल्डर्स पैटर्न, इनवर्स हेड एंड शोल्डर्स पैटर्न, डबल टॉप और डबल बॉटम पैटर्न आते है।

Continuation Pattern: इस चार्ट पैटर्न में same ट्रेंड को continue किया जाता है। इसमें मुख्य रूप से ट्रैंगुलर, रेक्टंगुलर और फ्लैग एंड पोल चार्ट पैटर्न आते है।

Moving Average: यह एक अच्छा इंडिकेटर है जो अपने पिछले चाल का एवरेज को दर्शाता है। इसमें 50 मूविंग एवरेज, 200 मूविंग एवरेज प्रमुख है।

ऊपर दी गई सभी जानकारियों के आधार पर आप शेयर मार्केट में चार्ट का एनालिसिस कर पाएंगे। इसके लिए प्रमुख रूप से आपको बहुत ही ज्यादा प्रैक्टिस की जरूरत होती है। इसमें हमने कुछ प्रमुख चीजों के बारे में बात किया है। जब आप इतना सीख लेते हैं तो इसके बाद आप चार्ट का एनालिसिस आसानी से कर पाएंगे।

शेयर बाज़ार का चार्ट किस तरह देखते है? FAQ

आर्टिकल के इस भाग में हम कुछ इस आर्टिकल से जुड़ी महत्वपूर्ण सवालों के जवाब जो कुछ नए Investors के मन में अक्षर चल रहे होते है जिसका जवाब मैंने निचे निम्नलिखित प्रकार दर्ज किया है।

क्या शेयर मार्केट से पैसा कमाना संभव है?

Ans. हाँ, परन्तु इसके लिए आपको शेयर को एनालाइज करने का टेक्निकल तथा फंडामेंटल तरीका सीखना होगा।

शेयर बाजार का Chart देखने के लिए कौन से प्लेटफार्म का उपयोग करें?

Ans. Basically, शेयर बाज़ार का Chart देखने के लिए Trending View.in Website का उपयोग करके हम आसानी से शेयर मार्किट का Chart देख सकते है।

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मेरा नाम Prabhat Kumar Sharma हैं। मुझे लिखना बहुत पसंद है और मुझे Share Market, Cryptocurrency और Business की बहुत अच्छी और गहरी जानकारी है। मैं इस Blog के माध्यम से इस टॉपिक से जुड़े आपके कठिन से कठिन प्रश्नो को एक बेहतरीन और आसान तरीके से लिखकर बताने का प्रयास करता हूँ।

candlestick pattern in hindi-कैंडिलस्टिक पैटर्न्स क्या होता है

candlestick pattern in hindi

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इस लेख में हम जानेंगे की कैंडिलस्टिक पैटर्न क्या होता है(candlestick pattern in hindi) ,साथ ही हम कैंडिल के पैटर्न्स देखने वाले है। जो शेयर बाजार में टेक्निकल एनालिसिस में उपयोग होने वाले चार्ट टेक्निकल एनालिसिस में उपयोग होने वाले चार्ट टेक्निकल एनालिसिस करने में हमारी मदत करते है ,और उन पैटर्न्स के माध्यम से हम शेयर के ऊपर जाने या निचे जाना का अंदाजा लगा सकते है।

इंटरडे ट्रेडिंग करने के लिए हमें सबसे महत्वपूर्ण काम आता है वो है कैंडिलस्टिक पैटर्न्स। ये ऐसा पैटर्न्स तैयार करते है जिससे हमें अंदाजा हो जाता है ,की किस पोजीशन से मार्किट उछलेगा या फिर गिरेगा।

candlestick pattern in hindi

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शेयर का प्राइज हमें कैंडिलस्टिक से ही अच्छा दिखाई देता है। वैसे और भी बाजार में चार्ट्स पैटर्न्स होते है जिससे शेयर प्राइज देखा जाता है ,जैसे की ग्राफ्स ,बार ,कॉलम,लाइन ,एरिया इन चार्ट्स के माध्यम से भी हम शेयर प्राइज देख सकते है।तो चलिए जानते है की आखिर candlestick pattern in hindi क्या होता है।

candlestick pattern in hindi – कैंडिलस्टिक पैटर्न्स क्या होता है

कैंडलस्टिक्स बाजार के रुझानों का विश्लेषण करने के लिए निवेशकों द्वारा उपयोग किए जाने वाले सबसे महत्वपूर्ण उपकरणों में से एक है। जानें कि वे क्या हैं और उन्हें कैसे पढ़ना है!

कैंडलस्टिक चार्ट शेयर बाजार में कीमतों के उतार-चढ़ाव का विश्लेषण करने के लिए एक आवश्यक उपकरण है। यह किसी विशेष दिन, सप्ताह, महीने, तिमाही, वर्ष आदि के उतार-चढ़ाव को दर्शाता है और समग्र प्रवृत्ति की दिशा में अंतर्दृष्टि प्रदान करता है।

कुछ कैंडिलस्टिक पैटर्न्स जो आपको बाजार के शेयर प्राइज के उतर चढाव के बारे में दर्शाते है ,या शेयर में तेजी आएगी की मंदि इसके बारे में अनदाजा लगते है। वैसेही कुछ निम्नलिखित पैटर्न्स निचे दिए गए है।

बुलिश एनगल्फिंग पैटर्न-The Bullish Engulfing Pattern

एक बुलिश एनगल्फिंग पैटर्न तब होता है जब एक नए ट्रेडिंग सत्र का उद्घाटन पिछले सत्र के बंद होने की तुलना में अधिक होता है। यह दर्शाता है कि मौजूदा मूल्य आंदोलन ऊपर की ओर जारी रहने की संभावना है।

तकनीकी विश्लेषण में, कैंडलस्टिक चार्ट का उपयोग कीमतों में पैटर्न की पहचान करने के लिए किया जाता है। इन पैटर्नों में संलग्न पैटर्न शामिल हैं, जो तब होता है जब एक कैंडिल पिछली कैंडिल के शरीर के अंदर बंद हो जाती है। जब ऐसा होता है, तो पिछली कैंडिल वर्तमान कैंडिल के ऊपर या नीचे बंद हुई या नहीं, इस पर निर्भर करते हुए कीमत अधिक या कम हो जाती है।

बेयरिश एनगल्फिंग पैटर्न (मंदी)-The Bearish Engulfing Pattern (Bearish)

एक मंदी की चपेट में आने वाला पैटर्न तब होता है जब एक ओपनिंग कैंडल अपने हाई से नीचे बंद हो जाती है और फिर अपने लो से ऊपर खुल जाती है। यह संकेत देता है कि वर्तमान मूल्य प्रवृत्ति उलट जाएगी।

तकनीकी विश्लेषण में, मंदी की चपेट में आने वाला पैटर्न तब होता है जब एक डाउनट्रेंडिंग कैंडिल के ऊपरी शरीर के नीचे एक लंबा निचला हिस्सा होता है। यह इंगित करता है कि बिकवाली का दबाव इतना मजबूत हो गया है कि उसे नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है, अब बाजार में बिकवली आने के लिए तैयार हैं।

हेड एंड शोल्डर पैटर्न हेड एंड शोल्डर पैटर्न-The Head & Shoulders Pattern

एक बुलिश रिवर्सल पैटर्न है जो डाउनट्रेंड के बाद बनता है। इसमें तीन कैंडिल होती हैं जिनमें दो समानांतर ऊपरी कैंडिल और एक निचली कैंडिल होती है। पहली कैंडिल में एक बड़ा शरीर (सिर) होता है और उसके बाद एक छोटा शरीर (गर्दन) होता है। दूसरी कैंडिल में एक छोटा शरीर (कंधे) होता है, उसके बाद एक बड़ा शरीर (सिर) होता है। तीसरी कैंडिल में फिर से एक बड़ा शरीर (सिर) होता है।

हरामी पैटर्न- Harami Pattern

एक मंदी का उलटा पैटर्न है जो तब बनता है जब कीमतें प्रतिरोध स्तर से ऊपर उठती हैं। इसमें लगातार तीन कैंडिल होती हैं जिनमें दो समानांतर ऊपरी शरीर और एक निचला शरीर होता है। पहली कैंडिल में एक उल्टा सिर और कंधों का निर्माण होता है। दूसरी कैंडिल में एक बड़ा शरीर होता है और उसके बाद एक छोटा शरीर होता है। तीसरी कैंडिल में एक छोटा शरीर है और उसके बाद एक बड़ा शरीर है।

कैंडलस्टिक पैटर्न बाजार की वर्तमान स्थिति का विश्लेषण करने के लिए व्यापारियों द्वारा उपयोग किए जाने वाले सबसे महत्वपूर्ण उपकरणों में से एक है। एक कैंडलस्टिक चार्ट में चार भाग होते हैं: ओपन, हाई, लो और क्लोज। ये चार भाग एक व्यापारिक सत्र के दौरान उद्घाटन, समापन, उच्चतम और निम्नतम कीमतों का प्रतिनिधित्व करते हैं। व्यापारी कैंडलस्टिक्स का उपयोग यह निर्धारित करने के लिए करते हैं कि बाजार ऊपर या नीचे चल रहा है, और यदि गति में कोई बदलाव है।

पियर्सिंग लाइन पैटर्न-Piercing Line Pattern

एक बुलिश कैंडलस्टिक पैटर्न जिसे पियर्सिंग लाइन के रूप में जाना जाता है, तब बनता है जब कीमतें समर्थन स्तर से नीचे आती हैं। इस पैटर्न में लगातार तीन कैंडिल होती हैं जहां पहली कैंडिल में एक बड़ा शरीर होता है, दूसरी कैंडिल में एक छोटा शरीर होता है, और तीसरी कैंडिल में एक उल्टे सिर और कंधे होते हैं।

एक कैंडलस्टिक चार्ट एक निश्चित अवधि में किसी सुरक्षा की कीमतों का एक दृश्य प्रतिनिधित्व है। कैंडिल का उपयोग मूल्य प्रवृत्तियों का विश्लेषण करने के लिए किया जाता है क्योंकि वे प्रत्येक व्यापारिक सत्र के उच्च और निम्न दिखाते हैं। दिन के उतार-चढ़ाव दिखाने के अलावा, कैंडलस्टिक चार्ट ओपनिंग, क्लोजिंग, हाई, लो और ओपन इंटरेस्ट लेवल भी टेक्निकल एनालिसिस में उपयोग होने वाले चार्ट दिखाता है।

इस लेख में हमने जाना की candlestick pattern in hindi क्या होता है ,साथ ही कोणकोणसे कैंडिलस्टिक पैटर्न्स होते है ,और उन पैटर्न्स के माध्यम से हम शेयर के उतार चढ़ाव के बारे में अंदाजा लगा सकते है। इसके बारे में हमने विस्तार में जाना।

अगर आपको आजका ये हमारा लेख candlestick pattern in hindi पसंद आया हो तो कृपया इसे अपने फॅमिली और दोस्तों के साथ शेयर जरूर कीजियेगा। ताकि उन्हें भी ट्रेडिंग में ये candlestick pattern काम में आये।

Best 10 Technical Analysis : How to Use it In Investing

अच्छा परिणाम जल्दी आएगा इसलिए कम समय के लिए निवेश करना वह तो टेक्निकल एनालिसिस का उपयोग कितना हित में रहता है वह दूसरी समझना हो तो ऐसा कहा जा सकता है कि अगर किसी कंपनी के शेयर गाड़ी है तो उस कंपनी का फंडामेंटल उस गाड़ी का ईंधन होता है और टेक्निकल एनालिसिस उस गाड़ी का ड्राइवर होता है। चाहे जितनी अच्छी गाड़ी हूं परंतु उस में उपयोग होने वाले ईंधन की गुणवत्ता खराब हो तो गाड़ी ठीक तरह से चल नहीं सकती है | Technical Analysis

साथ ही अच्छा ड्राइवर ने हो तो गाड़ी ठीक तरह से चल भी नहीं सकती है अब गाड़ी का ईंधन जाने की सकारात्मक परिवार के आधार पर ऐसा कहा जा सकता है कि गाड़ी अच्छी तरह दूरी तय कर सकती है पर वह कितने जल्द दौड़ेगी कहां पर रुकेगी कहां से घूम कर फिर से आएगी रास्ते में कितने घुमाओ लेकर आगे चलेगी इसका आधार उसके ड्राइवर को ही होता है। Technical Analysis

खटारा आपको फंडामेंटल एनालिसिस की मदद लेनी ही पड़ती है टेक्निकल जैसे कि ड्राइवर के आधार पर तो मर्सिडीज भी चलती है और खटारा भी चलती है जब खराब समय आता है तो मर्सिडीज में आप बैठे हो तकलीफ कम होती है और खटारा को दगा दे सकती है आपके साथ अनहोनी होने की संभावना ज्यादा होती है | Technical Analysis

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इसलिए निवेश का निर्णय लेने से पहले फंडामेंटल एनालिसिस के आधार पर अच्छी गुणवत्ता वाले शेर को अलग निकाल कर रख लीजिए उसके बाद टेक्निकल एनालिसिस द्वारा प्रिंट सुधार की शुरुआत और उसके तेजी आदि महत्वपूर्ण परी बलों को स्पष्ट करने के बाद ही निवेश करना चाहिए सस्ते मिलने वाले शहर के पीछे कभी नहीं तोड़ना चाहिए हमेशा गुणवत्ता पर अधिक जोर देना चाहिए। Technical Analysis

टेक्निकल एनालिसिस (Technical Analysis) :-

विविध शहर के चार्ट के आधार पर जो अभ्यास किया जाता है उसे टेक्निकल एनालिसिस कहते हैं ऐसे चार्ट किसी नक्शे की तरह से कार्य करते हैं आप गाड़ी लेकर चल पड़े और अनजान रास्ते पर नक्शा लिए बगैर निकल ले तो गुम हो जाने का डर और गलत रास्ते पर जाने का डर अत्यधिक रहता है| Technical Analysis

उसी तरह से चार्ट के अभ्यास के बगैर निवेश क्या तुम्हें अंधेरे में गोली चलाने के बराबर होता है टेक्निकल एनालिसिस किसी भी शहर में कैसी स्थिति में उसका चित्र आपके सामने खड़ा हूं टाइमिंग करने में आपको मदद करता हूं जो लोग खास करके कब सामने वाले निवेश के कम कालावधी के ट्रेडर्स के उनके चार्ट का व्यस बहुत ही महत्वपूर्ण होता है।

दीर्घकाल अवधि के निवेश में जब तक महत्व का स्तर परिपूर्ण होता है तब तक उसमें नजर आने वाले कम कालावधी का उतार-चढ़ाव की अवगणना की जा सकती है। पर कम कालावधी के ट्रेडर के लिए जरूरी है कि उन्हें खबर होनी चाहिए कि गिरावट का सपोर्ट कहां पर है और चढ़ाव का रेजिस्टेंस कहां पर है। यह सभी जानकारी चार्ट पर से हासिल की जा सकती है जो चार्ट के आप स्वयं की समझी जाती है।

टेक्निकल एनालिसिस पर ही अधिक जोर क्यों दिया जाता है.

आप ने हाल ही में देखा है उस तरह से कंपनी के फंडामेंटल्स के आधार पर निवेश करना भी जोखिम भरा हो सकता है कंपनियां झूठा मुनाफा होकर गलत निर्णय नहीं लिया जाएगा इस बात का ध्यान रखना चाहिए समझने की बात यह है कि फंडामेंटल चाहे जितने अच्छे दिखते हो पर उसमें जो कठिनाई होती है उसका अंदाजा तो ज्यादातर जाट ही हमको देते हैं

आप किसी भी समय किस शहर के भाव में कितनी बढ़त हो सकती है गिरावट कहां पर सपोर्ट ले सकती है बढ़त के बाद कौन से स्तर पर रजिस्टेंस आ सकता है भाव में बढ़त की और कितनी संभावना है वगैरह चार्ट और उसमें निर्माण होने वाले रचनाओं के एनालिसिस पर से जाना जा सकता है ऐसे विविध परी बलों को साथ लेकर उसके आधार पर मिलने वाले खरीदी अथवा बिक्री के सिग्नल के फायदे से अनुकरण किया गया हो तो दीर्घ काल अवधि में अच्छा फायदा ही होता है |

चाट का उपयोग किस लिए किया जाता है.?

चार्ट हमें सक्षम चित्र के स्वरूप में किसी भी शहर में क्या हो रहा है इसकी जानकारी हमारे सामने पेश करता है।

चार्ट के अभ्यास के बगैर निवेश करना यानी नक्शे के बिना अनजान देश में घूमने के समान होता है|

जाट के अभ्यास आपको हर कोई शेयर किसी भी समय में ऐतिहासिक दृष्टि से टॉप पर है या बॉटम पर ओवरबॉट है या ओवरसोल्ड यह बगैरा बातें आपको स्पष्ट करने में मदद करते हैं|

जाट के अभ्यास आपको हर कोई शेयर किसी भी समय में ऐतिहासिक दृष्टि से टॉप पर है या बॉटम पर ओवरबॉट है या ओवरसोल्ड यह बगैरा बातें आपको स्पष्ट करने में मदद करते

चाट का उपयोग टाइमिंग करने के लिए होता है यह तकरीर कम कल अवधि के निवेशकों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता

Swing Trading क्या है?

Swing Trading कुछ ही दिन की लिए की गई होल्डिंग होती है.जैसे15 से 20 दिन के लिए. किसी स्टॉक को होल्ड करके रखना और प्रॉफ़िट होने पर बेच देना Swing Trading कहलाता है. Swing Trading एक सबसे लोकप्रिय strategy है. जिसमें simple Moving Average का इस्तेमाल 10 या फिर 20 दिनों के वैल्यू डेटा को समझने के लिए किया जाता है.साधारण भाषा में समझें तो Swing Trading डिलीवरी ट्रेडिंग का एक छोटा भाग है, जो कुछ ही टाइम पीरियड के लिए होल्ड किया जाता है.डे ट्रेडिंग और ज्यादा समय के बीच की ट्रेडिंग में Swing Trading की अपनी दुनिया है. स्विंग ट्रेड्स कुछ दिनों से लेकर कुछ हफ्तों तक कहीं भी ट्रेडिंग कर सकते है. Swing Trading करने वाले कई दिनों के चार्ट पैटर्न की तलाश में रहते हैं, जिससे की वो कम समय में अधिक प्रॉफिट कमा सकें. देखा जाए तो डे ट्रेडिंग से Swing Trading काफी बेहतर है.

Swing Trader कौन हैं?

Swing Trader एक ऐसे ट्रेडर हैं,जो कई दिन या फिर कई हफ्तों के अंदर ट्रेड करते हैं. और वो अक्सर चार घंटे या फिर एक दिन के चार्ट पर काम करते हैं. और इस ही पर एनालिसिस करते हैं.आपको बता दे की एक Swing Trader ज़्यादा टाइम के लिए बहुत कम ट्रेड करते हैं.साधारण भाषा में कहें तो Swing Trader कम समय और limit प्रॉफिट कमाने की कोशिश करते हैं.

Swing Trading के लाभ

Swing Trading करने के कईं फायदे खासकर नए ट्रेडर्स के लिए है. Swing Trading का मतलब मार्किट में ऊप्पर निचे होने के बाद भी आपको स्टॉक या फिर इंडेक्स की सही डायरेक्शन का पता लगवाने में मदद करना होता है.जब एक डे ट्रेडर अपनी पोजीशन कुछ ही मिनटो या कुछ घंटो तक ही रखता है, तो वहीं एक Swing Trader अपनी पोजीशन 24 घंटे से ले कर कई हफ्तों तक होल्ड करके रख सकता है. और ऐसे मे बड़े टाइम फ्रेम में वोलैटिलिटी भी बहुत कम हो जाती है. और प्रॉफिट होने की सम्भावना भी काफी ज्यादा होती है. जिसकी वजह से अधिकतर लोग डे ट्रेडिंग की बजाय Swing Trading करना पसंद करते हैं. Swing Trading टेक्निकल इंडीकेटर्स पर डिपेंड होती है. टेक्निकल इंडीकेटर्स का ज्यादतर काम मार्किट में रिस्क फैक्टर को कम करना होता है. और मार्किट में उतार-चढ़ाव होने के बावजूद आपको शेयर्स या इंडेक्स की सही दिशा दिखाना होता है.

Swing Trading से जुड़े कुछ आवश्यक नियम

Swing Trading में अक्सर उपयोग किए जाने वाले शब्दों में Entry Point, Exit Point, & Stoploss शामिल हैं. जिस जगह पर ट्रेडर अलग अलग टेक्निकल इंडिकेटर की मदद से Buy करते है,उसे एंट्री प्‍वाइंट कहते है.सदैव अपना ट्रेडिंग प्लान तैयार रखें. बिज़नेस की कैपेसिटी को ज्यादा करने के लिए ट्रेडिंग को एक बिज़नेस की तरह समझे.नई टेक्नोलॉजी का पूरा फायदा उठाएं. कंजर्वेटिव इन्वेस्ट स्ट्रेटेजी का पालन करें.एक स्टूडेंट की तरह ही स्टॉक बाजार को सीखें और समझें. ट्रेडिंग करते हुए रिस्क पर ज़रूर ध्यान दे.एक सही ट्रेडिंग कार्य प्रणाली चुने.

कभी भी स्टॉप लॉस को इगनोर न करें. जब भी आप अपनी पोजीशन को निकालना चाहते हैं तो उससे पहले मार्किट की डायरेक्शन ज़रूर देख लें.अगर अपने स्विंग ट्रेड ली है तो बिच बिच में उसके चार्ट की एनालिसिस ज़रूर करें. स्विंग ट्रेड करते वक़्त अपने इमोशंस को काबू में ज़रूर रखें

स्विंग ट्रेडर्स कई दिनों के चार्ट और पैटर्न को एनालिसिस करते हैं, और कुछ पैटर्न जैसे

Head and Shoulders

Cup and Handle Pattern

Moving Average Crossover

Bollinger Bands Method:

Support and Resistance

का उपयोग करते हैं

निष्कर्ष

स्विंग ट्रेडर्स कईं तरह की Strategies का इस्तेमाल करते हैं यह Strategies आपको एक मजबूत नींव रखने में हेल्प करेंगी।

अगर आप नई-नई Strategies या फिर Technical and Fundamental सीखना चाहते हैं. तो हमें CONTACT 9897563039 करें हम आपको बेसिक से लेकर पूरा टेक्निकल फंडामेंटल और डेटा एनालिसिस करना सीखाते हैं.

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