प्रोग्राम से जुड़ने के क्या फायदे हैं?
इस पार्टनर प्रोग्राम से महिलाओं के लिए पैसे कमाना क्यूं जरुरी है जुड़ने के कई फायदे हैं, जिनमें शामिल हैं:
पैसा हर हफ्ते आपके महिलाओं के लिए पैसे कमाना क्यूं जरुरी है बैंक खाते में सीधा ट्रांसफर किया जाएगा।
एक भी पैसे का निवेश नहीं, डॉक्यूमेंटेशन की पेपरलेस प्रक्रिया।
घर बैठे जितनी मर्जी उतनी कमायें।
रिलेशनशिप मैनेजर और सेंट्रल हेल्पलाइन के माध्यम से समर्पित सहयोग।
अपने ऍप्लिकेशन्स को सीधे मोबाइल ऐप पर ट्रैक करने की सुविधा।
आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के साथ सीधे काम करने और उसके आधिकारिक कार्यक्रमों में भाग लेने का अवसर।
एप पर पर्सलन लोन की ईएमआई कैलकुलेट महिलाओं के लिए पैसे कमाना क्यूं जरुरी है करने की सुविधा।
नारीवाद सबके लिए है और हम सभी को नारीवादी होना चाहिए
नारीवाद की एक आम परिभाषा है कि महिलाओं को समान सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक अधिकार और अवसर दिए जाने चाहिए। नारीवाद का उद्देश्य यह बिल्कुल नहीं है कि हमें किसी एक लिंग से सत्ता को छीनकर दूसरे लिंग को सौंप देनी चाहिए। नारीवाद का एक अर्थ यह भी है कि एक महिला जो करना चाहती है, जीवन में जो बनना चाहती है उसे वह सब करने की आज़ादी मिले। नारीवाद एक आंदोलन है स्त्री-द्वेष और महिलाओं के शोषण के खिलाफ। नारीवाद केवल महिलाओं के लिए समानता प्राप्त करने के विषय में नहीं है। नारीवाद सभी के लिए समानता चाहता है। यह सिर्फ एक लिंग तक सीमित नहीं है बल्कि यह सभी धर्मों ,वर्गों, जातियों के लोगों के बीच भी समानता की मांग करता है।
नारीवाद प्रत्येक व्यक्ति के लिए जीवन को स्वतंत्रता, समानता और गौरव के साथ महिलाओं के लिए पैसे कमाना क्यूं जरुरी है जीने का अधिकार मांगता है। लेकिन हकीकत यही है कि आज भी नारीवाद को एक विवादास्पद विषय की तरह देखा जाता है। शायद ऐसा इसलिए क्योंकि कई लोगों ने इसे गलत तरीके से परिभाषित किया है। इसीलिए आज भी कई लोग खुद को नारीवाद बोलने से कतराते हैं। कुछ लोगों के लिए तो ‘फेमिनिस्ट’ एक गाली के समान है जो उन औरतों को दी जाती है जो उनके अनुसार समाज को बिगाड़ रही हैं। यह गालियां इस पितृसत्तातमक समाज को औरतों के लिए ही उपयुक्त लगती है क्योंकि उन्हें लगता है कि नारीवादी सिर्फ औरतें ही होती हैं।
महिलाओं के रोज़गार और आर्थिक आत्मनिर्भरता में रुकावट बनती हैं ये बातें
औरतों की नौकरी से जुड़ी ऐसी बातें आपने भी कभी न कभी ज़रूर सुनी होंगी। मैंने भी ऐसी कई बातें सुनी हैं। हमारी सरकारें हमेशा लड़कियों की शिक्षा और उन्हें आगे बढ़ाने के नारे देती है। महिलाएं ज़्यादा शिक्षित हो सकें इस महिलाओं के लिए पैसे कमाना क्यूं जरुरी है बात पर पिछले कई सालों से लगातार ज़ोर दिया जा रहा है। लेकिन महिलाएं रोज़गार में आगे आए इसके लिए सरकार से लेकर अपने समाज तक की सोच बहुत ही खोखली है। इसका अंदाज़ा हम ऊपर लिखी उन बातों से लगा सकते हैं, जिसका सामना अक्सर उन महिलाओं को करना पड़ता है जो आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनना चाहती हैं।
“मम्मी की रोटी गोल-गोल और पापा का पैसा गोल-गोल।” यह कविता आपने भी बचपन में सुनी होगी, जिसमें मम्मी का मतलब रोटी से और पापा का मतलब पैसे से लगाया जाता है। ये वही विचार है जो मानता है कि महिलाओं को घर के काम करने चाहिए और पुरुषों को पैसे कमाने चाहिए।
लड़की को नौकरी करने की क्या ज़रूरत?
“मम्मी की रोटी गोल-गोल और पापा का पैसा गोल-गोल।” यह कविता आपने भी बचपन में सुनी होगी, जिसमें मम्मी का मतलब रोटी से और पापा का मतलब पैसे से लगाया जाता है। ये वही विचार है जो मानता है कि महिलाओं को घर के काम करने चाहिए और पुरुषों को पैसे कमाने चाहिए। ये कोई नयी सोच नहीं है, बल्कि सदियों से चली आ रही समाज की वो सोच है, जिसे देखते हुए हमारे नानी-नाना से लेकर माता-पिता भी पले बढ़े है। इसी पितृसत्तात्मक सोच के चलते हमेशा यह माना जाता है महिलाओं के लिए पैसे कमाना क्यूं जरुरी है कि लड़की को घर के काम आने चाहिए, पैसे कमाने नहीं और इसी सोच के साथ उसकी कंडिशनिंग भी की जाती है, क्योंकि पितृसत्ता कभी भी महिलाओं के आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर होने के पक्ष में नहीं है। इसलिए वह इस सोच को तैयार करती हैं कि लड़की को कमाने या नौकरी करने की ज़रूरत नहीं है। यह बात और विचार इतनी बार हमें बताया जाता है जिससे हम लड़कियां अपने दिमाग में इस बात को बैठा लें कि लड़की का काम घर संभालना है और उसकी आर्थिक ज़रूरतों को पूरा करने की ज़िम्मेदारी पुरुष की होती है।
औरत के पैसे कमाने से घर की इज़्ज़त चली जाएगी
गांव में जब भी किसी कामकाजी महिला से मुलाक़ात होती है तो अधिकतर परिवारों में महिलाओं के ये महिलाओं के लिए पैसे कमाना क्यूं जरुरी है अनुभव ही सामने आते हैं, जहां आर्थिक तंगी से जूझ रहे परिवारों में भी महिलाओं के काम और उनकी कमाई को कोई महत्व नहीं दिया जाता है। हमारे भारतीय पितृसत्तात्मक समाज में पुरुषों को महिलाओं की तुलना में बेहतर माना जाता है। इसलिए जब महिलाएं पुरुषों की तरह घर से बाहर निकलकर पैसे कमाती हैं तो ये बात समाज को बुरी लगती महिलाओं के लिए पैसे कमाना क्यूं जरुरी है है और वह इज़्जत का खेल खेलना शुरू करता है। इसके आधार पर यह कहा जाने लगता है कि अगर घर की औरत काम करने या पैसा कमाने घर से बाहर निकलेगी तो इससे परिवार की इज़्ज़त चली जाएगी। अब यह सोचने वाली बात है कि अगर महिलाएं अपनी ज़रूरतों के लिए पैसे कमाती हैं या कई बार वे खुद को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पैसे कमाती हैं तो यह समाज को बुरा क्यों लगता है और फिर वे इसे इज़्जत से जोड़कर क्यों देखने लगते हैं।
नौकरी करते हुए घर बैठे माईफर्स्ट पार्टनर ऐप के साथ ऑनलाइन पैसे कमाने के महिलाओं के लिए पैसे कमाना क्यूं जरुरी है तरीके
नौकरी के अलावा पैसे कमाने के तरीके
क्या है ‘आईडीएफसी माई फर्स्ट पार्टनर प्रोग्राम’?महिलाओं के लिए पैसे कमाना क्यूं जरुरी है
यह आईडीएफसी फर्स्ट बैंक का ‘रेफर करो और पैसे कमाओ’ प्रोग्राम है। यह पर्सलन लोन रेफरल एप है यानी इस एप के जरिये आप किसी को पर्सनल लोन दिला कर अच्छा-खासा पैसा कमा सकते हैं। इससे हर महीने रु. 50 हजार या उससे अधिक की आमदनी हो सकती हैं।कौन बन सकता है ‘आईडीएफसी माई फर्स्ट पार्टनर प्रोग्राम’ का पार्टनर?
स्नातक, रियल एस्टेट/बीमा/वित्तीय सलाहकार और झटपट अतिरिक्त आय की तलाश करने वाला कोई भी व्यक्ति बस चंद मिनटों में साइन अप करके कमाई शुरू कर सकता है।3. जबरदस्त रिटर्न
क्रिप्टोकरेंसी का आकर्षण इसलिए भी सबसे ज्यादा माना जा सकता है क्योंकि रियल्टी सेक्टर की ही तरह इसमें भी निवेश आपको जबरदस्त रिटर्न देता है. हालांकि, रियल्टी सेक्टर की तरह जरूरी नहीं है कि क्रिप्टो में आप कोई बहुत बड़ा निवेश ही करें. आप एक छोटे निवेश से ही शुरू कर सकते हैं. वहीं, छोटे-छोटे अमाउंट में कई हिस्सों में निवेश कर सकते हैं.
डिजिटल संपत्ति में निवेश करके या अपना ऑनलाइन बिजनेस शुरू करके पैसे कमाना एक अच्छा विकल्प है. आप अपने काम और रेगुलर निवेश महिलाओं के लिए पैसे कमाना क्यूं जरुरी है के साथ-साथ इनसे अलग से पैसा कमा सकते हैं.
Video : कॉफी एंड क्रिप्टो : क्रिप्टोकरेंसी में अच्छा क्या है? किस में कर सकते हैं ट्रेडिंग?
PM Kisan: पत्नी के नाम है खेत तो उसे क्यों नहीं मिलेगा पीएम किसान का पैसा, जबकि पति पहले से ही उठा रहा है किस्त
PM Kisan Samman Nidhi 2021 latest news: पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम के तहत रजिस्टर्ड 12.13 करोड़ किसानों में 25 फीसद महिलाएं हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या पत्नी और पति के नाम से खेती योग्य जमीन है तो दोनों याेजना का लाभ उठा सकते हैं? कई लोगों का यह तर्क है कि अगर पत्नी के नाम जमीन है तो वह भी पीएम किसान की किस्त की हकदार है। अगर आप भी ऐसा ही सोचते हैं तो जान लें कि यह गलत है। पीएम किसान योजना किसान परिवार के लिए है और परिवार का आशय पति-पत्नी व दो नाबालिक बच्चे से है। ऐसे में अगर पति, पत्नी में से कोई एक ही इस योजना का लाभ उठा सकता है, जिसका नाम खतौनी में दर्ज है।
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