Updated on: October 08, 2022 14:12 IST
विदेशी मुद्रा भंडार 93 करोड़ रुपए बढ़कर सात हफ्तों के उच्चतम स्तर पर
मुंबई. भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 30 नवंबर को समाप्त सप्ताह में 93.28 करोड़ डॉलर बढ़कर सात सप्ताह के उच्चतम स्तर 393.72 अरब डॉलर पर पहुँच गया। इससे पहले 23 नवंबर को समाप्त सप्ताह में यह 79.50 करोड़ डॉलर घटकर 392.79 अरब डॉलर रहा था।
रिजर्व बैंक द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, 30 नवंबर को खत्म हुए हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा घटक विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति 78.79 करोड़ डॉलर की बढ़त के साथ 368.49 अरब डॉलर हो गया। इस दौरान स्वर्ण भंडार भी 15.18 करोड़ डॉलर बढ़कर 21.15 अरब डॉलर पर पहुंच गया। इस दौरान अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा विदेशी मुद्रा भंडार का उच्चतम स्तर कोष (आईएमएफ) के पास आरक्षित निधि 44 लाख डॉलर घटकर 2.63 अरब डॉलर और विशेष आहरण अधिकार 25 लाख डॉलर घटकर 1.45 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
Foreign Currency Reserve: विदेशी मुद्रा भंडार 2 साल में सबसे कम! भारत के लिए यह बहुत बुरी खबर है?
देश का विदेशी मुद्रा भंडार अक्टूबर 2021 में 645 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था। जो 30 सितंबर को समाप्त सप्ताह में यह 4.854 अरब डॉलर घटकर 532.664 अरब डॉलर रह गया।
Written By: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Updated on: October 08, 2022 14:12 IST
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रिजर्व विदेशी मुद्रा भंडार का उच्चतम स्तर बैंक इस समय दोराहे पर आ खड़ा हुआ है। एक और रुपया पाताल में धंसता नजर आ रहा है, वहीं घटते निर्यात और बढ़ते आया से विदेशी मुद्रा भंडार भी दिनों दिन सिकुड़ता नजर आ रहा है। उस पर विदेशी निवेशकों की रवानगी ने रिजर्व बैंक और सरकार का सिर चकरा दिया है। रुपये को 80 के स्तर से नीचे गिरने से रोकने के लिए पिछले महीने रिजर्व बैंक करीब 100 अरब डॉलर झोंक चुका है। लेकिन इसके बावजूद रुपया 82 से नीचे फिसल चुका है।अब रिजर्व बैंक का पूरा जोर रुपये को बचाने की बजाए विदेशी मुद्रा भंडार को बचाने पर है।
लगातार नौवें सप्ताह आई गिरावट
देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का सिलसिला जारी रहने के बीच 30 सितंबर को समाप्त सप्ताह में यह 4.854 अरब डॉलर घटकर 532.664 अरब डॉलर रह गया। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। विदेशी मुद्रा भंडार इससे पिछले सप्ताह में 8.134 अरब डॉलर कम होकर 537.
518 अरब डॉलर पर रहा था।
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1 साल में 100 अरब डॉलर की गिरावट
वैश्विक घटनाक्रमों के कारण रुपये की विनियम दर में गिरावट को रोकने के जारी प्रयासों के बीच विदेशी मुद्रा भंडार में यह कमी आई है। देश की विदेशी मुद्रा भंडार अक्टूबर 2021 में 645 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था। आरबीआई की तरफ से शुक्रवार को जारी साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, फॉरेन विदेशी मुद्रा भंडार का उच्चतम स्तर करंसी असेट्स (एफसीए) में गिरावट के कारण 30 सितंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आई है। एफसीए दरअसल समग्र भंडार का एक प्रमुख हिस्सा होता है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान एफसीए 4.406 अरब डॉलर घटकर 472.807 अरब डॉलर रह गया।
स्वर्ण भंडार में भी आई कमी
डॉलर के संदर्भ में एफसीए में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे विदेशी मुद्रा भंडार का उच्चतम स्तर गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं में वृद्धि या मूल्यह्रास का प्रभाव शामिल है। आंकड़ों विदेशी मुद्रा भंडार का उच्चतम स्तर के अनुसार, सोने के भंडार का मूल्य 28.1 करोड़ डॉलर घटकर 37.605 अरब डॉलर पर आ गया है। समीक्षाधीन सप्ताह में, अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के पास जमा विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 16.7 करोड़ डॉलर बढ़कर 17.427 अरब डॉलर हो गया। आरबीआई के आंकड़ों से पता चलता है कि समीक्षाधीन सप्ताह में आईएमएफ के पास सुरक्षित देश का मुद्रा भंडार 4.826 अरब डॉलर पर अपरिवर्तित रहा।
घटता विदेशी मुद्रा भंडार, बढ़ती महंगाई और कमजोर रुपया, अर्थव्यवस्था की इन तीन चुनौतियों से कैसे निपटेगा भारत
Indian Economy आरबीआई की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक भारत विदेशी मुद्रा भंडार 532.66 बिलियन डालर पर पहुंच गया है। यह जुलाई 2020 के बाद विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे न्यूनतम स्तर है। रुपया भी डालर के मुकाबले न्यूनतम स्तर पर बना हुआ है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। कोरोना और फिर रूस- यूक्रेन युद्ध के बाद से दुनिया में उथल- पुथल मची हुई है। एनर्जी से लेकर खाद्य वस्तुओं आदि के दाम तेजी से ऊपर जा रहे हैं। इस कारण महंगाई उच्चतम स्तर, डालर के मुकाबले रुपया और विदेशी मुद्रा भंडार निचले स्तर पर है। शुक्रवार को आरबीआई की ओर से जारी किए गए डाटा के मुताबिक 30 सितंबर को समाप्त होने वाले सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार गिरकर 532.66 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया है और यह जुलाई 2020 के बाद विदेशी मुद्रा भंडार सबसे न्यूनतम स्तर है। इसके साथ ही विदेशी मुद्रा भंडार का उच्चतम स्तर विदेशी मुद्रा भंडार का उच्चतम स्तर महंगाई को काबू करने के लिए आरबीआई लगातार ब्याज दर बढ़ाता जा रहा है, जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था की गति भी धीमी होती जा रही है।
आज हम आपको बताएंगे इन सभी चीजों का एक आम व्यक्ति पर क्या प्रभाव पड़ता है। इससे आप अर्थव्यवस्था के आने वाले आंकड़ों को बेहतर ढंग से समझ पाएंगे।
रुपये का गिरना
डालर के मुकाबले रुपये के गिरने के कारण आयात महंगा हो जाता है। इससे विदेशों के आने वाले सामान जैसे कच्चे तेल और इलेक्ट्रानिक सामानों का आयात महंगा हो जाता है। वहीं, विदेशों में पढ़ने वाले छात्रों और इलाज करने जाने वाले लोगों के लिए रहना खाना महंगा हो जाता है। बता दें, बीते शुक्रवार को डालर के मुकाबले रुपया अब तक के सबसे न्यूनतम स्तर 82.30 के स्तर पर बंद हुआ था।
महंगाई
महंगाई का सीधा प्रभाव किसी भी आम व्यक्ति की जेब पर पड़ता है। उसे दैनिक उपभोग में होने वाली चीजों पर पहले के मुकाबले अधिक खर्च करना पड़ता है। कम बचत करने के कारण इससे सेविंग्स पर भी प्रतिकूल असर पड़ता है। सरकार की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, अगस्त में खुदरा महंगाई दर 7 प्रतिशत रही थी और यह आरबीआई की ओर से तय किए गए महंगाई के बैंड 2- 6 प्रतिशत से एक प्रतिशत अधिक है।
विदेशी मुद्रा भंडार
डालर के मजबूत होने के कारण पिछले कुछ महीनों में भारत का विदेशी भंडार में गिरावट आई है और ताजा आंकड़ों के मुताबिक, यह घटकर 532 बिलियन डालर पर पहुंच गया है। विदेशी भंडार घटने की एक प्रमुख वजह डालर के मुकाबले रुपये में गिरावट को रोकने के लिए आरबीआई के द्वारा मौजूद डालर भंडार को बेचना है। इसके नीचे जाने का मतलब डालर के मुकाबले भारतीय रुपये पर दबाव को माना जाता है।
ब्याज दरों में बढ़ोतरी
आरबीआई की ओर से पिछले पांच महीनों में महंगाई को काबू करने के लिए रेपो रेट में 1.9 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.9 प्रतिशत कर दिया गया है। इसके कारण आम नागरिकों को लोन पर अधिक ब्याज का भुगतान करना पड़ता है।
भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में तेज गिरावट, करीब $4 अरब लुढ़ककर 2 साल से भी अधिक के न्यूनतम स्तर पर पहुंचा
भारत का फॉरेक्स का रिजर्व गिरकर 524 अरब डॉलर पर पहुंचा.
पिछले कई महीनों से विदेशी मुद्रा भंडार में कमी होती देखी जा रही है. जबकि एक साल पहले अक्टूबर 2021 में देश का विदेशी मुद . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : October 29, 2022, 07:16 IST
हाइलाइट्स
भारत का फॉरेक्स रिजर्व 21 अक्टूबर को खत्म सप्ताह में 3.85 अरब डॉलर गिरा.
फॉरेन करेंसी एसेट्स (एफसीए) में 3.593 अरब डॉलर की गिरावट आई.
अप्रैल से सितंबर तक चीन के फॉरेक्स रिजर्व में सबसे अधिक गिरावट देखी गई है.
नई दिल्ली. भारत का विदेशी मुद्रा भंडार (फॉरेक्स रिजर्व) 21 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में 3.847 अरब डॉलर घटकर 524.52 अरब डॉलर रह गया. विदेशी मुद्रा भंडार इस गिरावट के साथ जुलाई 2020 के बाद अपने न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है. इससे पिछले सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 4.50 अरब डॉलर घटकर 528.37 अरब डॉलर रह गया था. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की तरफ से शुक्रवार को जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली.
पिछले कई महीनों से विदेशी मुद्रा भंडार में कमी होती देखी जा रही है. जबकि एक साल पहले अक्टूबर 2021 में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 624 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था. देश के फॉरेक्स रिजर्व में गिरावट आने का मुख्य कारण यह है कि रुपये की गिरावट को रोकने के लिए केन्द्रीय बैंक मुद्रा भंडार से डॉलर बेच रहा है.
अन्य एसेट्स में विदेशी मुद्रा भंडार का उच्चतम स्तर भी गिरावट
रिजर्व बैंक द्वारा शुक्रवार को जारी साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, 21 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में मुद्राभंडार का महत्वपूर्ण घटक मानी जाने वाली, फॉरेन करेंसी एसेट्स (एफसीए) 3.593 अरब डॉलर घटकर 465.075 अरब डॉलर रह गयीं. आंकड़ों के अनुसार, देश का गोल्ड रिजर्व (मूल्य में) 24.विदेशी मुद्रा भंडार का उच्चतम स्तर 7 करोड़ डॉलर घटकर 37,206 अरब डॉलर रह गया.
रुपये में गिरावट को रोकने का प्रयास
इसी हफ्ते भारतीय ने अपना अब तक का सबसे निचला स्तर देखा और डॉलर के मुकाबले ये 83.29 के स्तर पर पहुंच गया. आरबीआई को इस गिरावट को रोकने के लिए हस्तक्षेप विदेशी मुद्रा भंडार का उच्चतम स्तर करना पड़ा जिसके बाद 27 अक्टूबर को इसमें थोड़ी बढ़त देखने को मिली. हालांकि, शुक्रवार को एक बार फिर रुपया लुढ़का और पिछले बंद के मुकाबले 14 पैसे गिरकर 82.47 के स्तर पर बंद हुआ. 27 अक्टूबर को रुपया 48 पैसे उछलकर 82.33 के स्तर पर बंद हुआ था.
अन्य अर्थव्यवस्थाओं की स्थिति भी खराब
वैश्विक परिस्थितियों के कारण लगभग हर देश के केंद्रीय ने ब्याज दरों में वृद्धि की है ताकि महंगाई रोकी जा सके. आयात महंगा होने के कारण विभिन्न देशों का फॉरेक्स घट रहा है. सर्वाधिक नुकसान चीन को हुआ है. इस सा 1 अप्रैल से लेकर 30 सितंबर तक चीन का फॉरेक्स रिजर्व 159 अरब डॉलर घटा है. इसके बाद भारत और रूस का स्थान है. इस समयावधि में भारत का फॉरेक्स रिजर्व 85 अरब डॉलर और रूस का विदेशी मुद्रा भंडार 64 अरब डॉलर घटा है. आईएमएफ ने कहा है कि वैश्विक मुद्रा भंडारों में कुल 884 अरब डॉलर की गिरावट आई है. बकौल आईएमएफ, पहले सात महीनों में उभरती विदेशी मुद्रा भंडार का उच्चतम स्तर अर्थव्यवस्थाओं का विदेशी मुद्रा भंडार 6 फीसदी से अधिक गिरा है.
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