Secondary Market- सेकेंडरी प्राइमरी और सेकंडरी मार्केट मार्केट
क्या होता है सेकेंडरी मार्केट?
सेकेंडरी मार्केट (Secondary Market) वह होता है जहां निवेशक उन प्रतिभूतियों की खरीद और बिक्री करते हैं जिनपर उनका पहले से ही स्वामित्व होता है। इसी को अधिकांश लोग पारंपरिक रूप से ‘स्टॉक मार्केट' मानते हैं, हालांकि स्टॉक की बिक्री प्राथमिक मार्केट में भी होती है जहां पहली बार उन्हें इश्यू किया जाता है। न्यूयार्क स्टॉक एक्सचेंज (एनवाईएसई) और नास्दक जैसे राष्ट्रीय एक्सचेंज सेकेंडरी मार्केट होते हैं।
सेकेंडरी मार्केट को समझना
हालांकि स्टॉक सामान्य रूप से सबसे ज्यादा ट्रेड किए जाने वाली सिक्योरिटीज होते हैं, दूसरे प्रकार के भी सेकेंडरी मार्केट होते हैं। उदाहरण के लिए, इन्वेस्टमेंट बैंक और कारपोरेट एवं इंडीविजुअल निवेशक सेकेंडरी मार्केट में म्युचुअल फंडों एवं बॉन्डों की खरीद-बिक्री करते हैं। फैनी मैए और फ्रेडी मैक जैसी एंटिटी भी सेकेंडरी मार्केट में मॉर्गेज की खरीद करती हैं। सेकेंडरी मार्केट में जो लेनदेन होते हैं, उन्हें सेकेंडरी इसलिए कहते हैं प्राइमरी और सेकंडरी मार्केट क्योंकि उन्हें उन ट्रांजेक्शन से, जिन्होंने मूल रूप से संबंधित प्रतिभूतियों का निर्माण किया है, एक कदम हटा दिया जाता है। उदाहरण के लिए, एक वित्तीय संस्थान किसी उपभोक्ता के लिए मॉर्गेज राइट करता है और मॉर्गेज सिक्योरिटी का सृजन करता है। फिर बैंक इसे फैनी मैए को सेकेंडरी ट्रांजेक्शन में सेकेंडरी मार्केट में बेच देता है।
मुख्य बातें
- सेकेंडरी मार्केट में निवेशक जारी करने वाली एंटिटी के बजाय एक दूसरे के साथ एक्सचेंज करते हैं।
- स्वतंत्र फिर भी आपस में जुड़े ट्रेड की व्यापक श्रृंखला के जरिए, सेकेंडरी मार्केट प्रतिभूतियों प्राइमरी और सेकंडरी मार्केट की कीमत को उनकी वास्तविक वैल्यू की दिशा प्राइमरी और सेकंडरी मार्केट में ड्राइव करते हैं।
प्राइमरी बनाम सेकेंडरी मार्केट
सेकेंडरी मार्केट और प्राइमरी मार्केट के बीच के अंतर को समझना महत्वपूर्ण है। जब कोई कंपनी पहली बार स्टॉक या प्राइमरी और सेकंडरी मार्केट बॉन्ड जारी करती है और उन प्रतिभूतियों को प्रत्यक्ष रूप से निवेशकों को बेचती है तो वह ट्रांजेक्शन प्राइमरी मार्केट में होता है। आईपीओ या आरंभिक सार्वजनिक निर्गम प्राइमरी मार्केट के कुछ सर्वाधिक सामान्य और बहुप्रचारित ट्रांजेक्शन में से एक है। एक आईपीओ के दौरान खरीदने वाले निवेशक और आईपीओ अंडरराइट करने वाले इनवेस्टमेंट बैंक के बीच प्राइमरी मार्केट ट्रांजेक्शन होता है। प्राइमरी मार्केट में स्टॉक के शेयरों की बिक्री से प्राप्त धनराशि जारीकर्ता कंपनी को चली प्राइमरी और सेकंडरी मार्केट जाती है।
प्राइमेरी मार्केट और सेकेंडरी मार्केट में क्या अंतर होता है और शेयर बाजार में इनका क्या महत्व है?
प्राइमेरी मार्केट के जरिए कंपनी शेयर बाजार में एंट्री लेती है और ये काम आईपीओ के जरिए होता है. इसलिए आईपीओ को प्राइमेरी मार्केट भी कहा जाता है. अब शेयरों के लिस्ट हो जाने के बाद उनकी खरीद बिक्री जहां होती है तो कहलाता है सेकेंडरी मार्केट. सेकेंडरी मार्केट में निवेशक अपने शेयरों की खरीद बिक्री करते हैं.
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