अब बिटकॉइन का रेट काफी बढ़ चूका है यदि इस समय Bitcoin के मूल्य की बात करे तो भारतीय रुपए में 1 बिटकॉइन का रेट 25,45,947 है. कुछ ऐसी वेबसाइट भी है जिसके जरिये माइनिंग करके बिटकॉइन बनाये जा सकते है ये साइटें कम्प्यूटर पॉवर के जरिये एक ट्रांजैक्शन प्रोसेस करती है जिससे Bitcoin का निर्माण होता है. Bitcoin Mining करने के बाद वॉलेट में भी ले सकते है.
अगला बिटकॉइन विभाजन – कब, क्या और कैसे? (The Next Bitcoin Halving – When, What, and How?)
रोचक तथ्य: 2008 में पहली बार ब्लॉकचेन के लाइव होने पर माइनिंग रिवॉर्ड 50 बिटकॉइन (BTC) था। 210,000 ब्लॉक जोड़े जाने तक भुगतान अपरिवर्तित रहा, जिसके बाद इसे आधा कर दिया गया (आधा बना दिया गया)। अगले 210, 000 ब्लॉक जोड़े जाने के बाद, प्रक्रिया दोहराई जाती है। इसे बिटकॉइन विभाजन के रूप में जाना जाता है ।
Bitcoin विभाजन हर चार साल में होने वाली सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है और बिटकॉइन इकोसिस्टम में शामिल सभी लोगों पर इसका प्रभाव पड़ता है। अब तक (2012, 2016 और 2020 में) तीन बिटकॉइन विभाजन हो चुका हैं, जिनमें से प्रत्येक की काफी चर्चा हुई। बिटकॉइन विभाजन समग्र सप्लाई को स्थिर रखने के लिए वर्चुअल करेंसी की प्रोग्रामिंग का एक हिस्सा है।
Bitcoin विभाजन क्या है?
Bitcoin नेटवर्क हर दस मिनट में नए बिटकॉइन बनाता है। अस्तित्व में आने के पहले चार वर्षों तक हर 10 मिनट में जारी किए गए नए बिटकॉइन की संख्या 50 थी। यह संख्या हर चार साल में आधी हो जाती है। जब धन को आधा कर दिया जाता है, तो इसे “हाल्विंग” या “हल्वेनिंग” के तौर पर जाना जाता है।
2012 में हर 10 मिनट में जारी किए गए नए बिटकॉइन की संख्या 50 से गिरकर 2013 में 25 हो गई। यह 2016 में 25 से गिरकर 12.5 हो गई। इसके सबसे हाल में 11 मई 2020 को हुई हाल्विंग में रिवॉर्ड को 2016 में 12.5 से घटाकर 6.25 प्रति ब्लॉक कर दिया गया था।
2024 की हाल्विंग के बाद रिवॉर्ड को 6.25 BTC से घटाकर 3.125 BTC कर दिया जाएगा।
अगले BTC विभाजन में क्या हो सकता है?
अधिकांश निवेशकों का मानना है कि Bitcoin का मूल्य अभी और 2024 में इसके चौथे विभाजन के बीच तेजी से बढ़ेगा। यह इसके ऐतिहासिक प्रदर्शन और पहले 3 विभाजन के परिणामों पर आधारित है। इन दोनों ही मौकों पर Bitcoin की कीमत ने बिटकॉइन की शुरुआत कैसे हुई आसमान छूआ है।
2012 में शुरुआती विभाजन के एक साल के भीतर, बिटकॉइन की कीमत $12 से बढ़कर 200,150 से अधिक हो गई थी। 2016 में, दूसरे विभाजन में बिटकॉइन की कीमत $20,बिटकॉइन की शुरुआत कैसे हुई 000 से अधिक हो गई और फिर गिरकर $3,200 हो गई। और 2020 में, बिटकॉइन की कीमत $8,787 से बढ़कर $54,276 हो गई, जो लगभग 517% की वृद्धि दर्शाती है।
यह ध्यान में रखते हुए कि हर 10 मिनट में नए Bitcoin की माइनिंग होती है, अगले विभाजन की संभावना 2024 की शुरुआत में होने की है, एक माइनर का भुगतान 3.125 BTC तक कम हो जाएगा। बिटकॉइन के निवेशकों और व्यापारियों को इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि हाल्विंग-अक्सर कॉइन/टोकन के लिए महत्वपूर्ण अस्थिरता और अशांति का परिणाम होता है।
क्रिप्टो करेंसी की कब हुई थी शुरुआत, क्या हैं इसके फायदे और नुकसान, समझिए पूरा हिसाब
डिजिटल होती दुनिया में हर चीज वर्चुअल होती जी रही है. डिजिटल पेंमेट की सुविधा ने लोगों की लाइफ को काफी आसान बना दिया है. डिजिटल होते इस वर्ल्ड में क्रिप्टो करेंसी का क्रेज बढ़ गया है. दुनिया के हर एक देश की अपनी मुद्रा है. जैसे-भारत में रुपया, अमेरिका में डॉलर और ब्रिटेन में पाउंड. लेकिन इन दिनों जिस क्रिप्टो करेंसी का जलवा है, ये डिजिटल करेंसी है. इसे आप छू नहीं सकते, लेकिन हां अमीर जरूर हो सकते हैं. आइए अब समझ लेते हैं इस बिटकॉइन की शुरुआत कैसे हुई क्रिप्टो करेंसी का पूरा हिसाब.
कंप्यूटर एल्गोरिथ्म पर बनी क्रिप्टो करेंसी एक इंडिपेंडेंट मुद्रा है. यह करेंसी किसी भी एक अथॉरिटी के काबू में भी नहीं होती. जैसे रुपया, डॉलर, यूरो या अन्य मुद्राओं का संचालन देश की सरकारें करती हैं, लेकिन क्रिप्टो करेंसी का संचलान कोई भी अथॉरिटी नहीं करती. यह एक डिजिटल करेंसी होती है. इसके लिए क्रिप्टोग्राफी का प्रयोग किया जाता है. आमतौर बिटकॉइन की शुरुआत कैसे हुई पर इसका प्रयोग किसी सामान की खरीदारी या कोई सर्विस खरीदने के लिए किया जा सकता है.
जापान के एक इंजीनियर ने की थी शुरुआत
सबसे पहले साल 2009 में क्रिप्टो करेंसी की शुरुआत हुई थी, जो बिटकॉइन थी. जापान के इंजीनियर सतोषी नाकमोतो ने इसे बनाया था. शुरुआत में इसे कोई खास सफलता नहीं मिली, लेकिन धीरे-धीरे इसकी कीमत आसमान छूने लगी और ये पूरी दुनिया में छा गया.
क्रिप्टो करेंसी के कई फायदे हैं और इसके नुकसान भी हैं. पहला फायदा ये है कि डिजिटल करेंसी होने के कारण धोखाधड़ी की गुंजाइश ना के बराबर है. दूसरा ये कि इसकी कोई नियामक संस्था नहीं है. इसलिए नोटबंदी या करेंसी के अवमूल्यन जैसी स्थितियों असर इसपर नहीं पड़ता. क्रिप्टोकरेंसी में मुनाफा अधिक होता है और ऑनलाइन खरीदारी से लेन-देन आसान होता है. इसका सबसे बड़ा नुकसान है कि वर्चुअल करेंसी में भारी उतार-चढ़ाव आपके माथे पर पसीना ला देगा.
एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले पांच साल में बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करेंसी एक ही दिन में बिना किसी चेतावनी के 40 से 50 प्रतिशत गिर गई थी. इसका सबसे बड़ा नुकसान ये होता है कि वर्चुअल करेंसी होने के कारण इसमें सौदा जोखिम भरा होता है. इस करेंसी का इस्तेमाल ड्रग्स सप्लाई और हथियारों की अवैध खरीद-फरोख्त जैसे अवैध कामों के लिए किया जा सकता है. , इसका एक और नुकसान यह है कि यदि कोई ट्रांजेक्शन आपसे गलती से हो गया तो आप उसे वापस नहीं मंगा सकते हैं.
बिटकॉइन किस देश की करेंसी है
इसे बनाने वाले व्यक्ति जापान के नागरिक है परन्तु बिटकॉइन को आमतौर पर किसी एक देश की करेंसी नहीं कहा जा सकता है क्योंकि यह एक डिजिटल करेंसी है और इसे हर कोई व्यक्ति ऑनलाइन खरीद या बेच सकता है या ऑनलाइन इस्तेमाल कर सकता है. Bitcoin की शुरुआत 3 जनवरी 2009 में सातोशी नकामोतो नामक व्यक्ति द्वारा की गई थी. इनका जन्म 5 अप्रैल 1975 को जापान में हुआ था.
आशा करती हूँ की आपको मेरे द्वारा दी गई जानकारी अच्छी लगी होगी और अब आपको पता चल गया होगा की Bitcoin का मालिक कौन है और बिटकॉइन किस देश की करेंसी है. इसका मुख्य Symbol – ₿ ये है और इसे BTC के नाम से भी जाना जाता है.
नोट: भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा बिटकॉइन को अधिकारिक अनुमति नहीं दी है एक प्रेस के जरिये चेतावनी देते हुए कहा है की इसका लेनदेन जोखिम हो सकता है.
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